पटना: राजधानी पटना को जाम से मुक्त कराने के लिए परिवहन विभाग कई तरह की पॉलिसी तैयार कर रहा है. उसमें पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए भी पॉलिसी है. परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने एक्सक्लूसिव बातचीत में यह जानकारी दी. 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को हटाने पर कोर्ट ने रोक लगा लगा रखी है. अब सरकार इसके लिए उपाय करने जा रही है और उसी के तहत नीति तैयार कर रही है.
जल्द ही जाम और प्रदूषण से मुक्त होगी राजधानी पटना, पुरानी गाड़ियों के लिए बन रही है नई नीति - Road jams
पटना की सबसे बड़ी समस्या जाम और प्रदूषण है. इसके चलते परिवहन विभाग कई नीति बनाने जा रहा है. परिवहन विभाग के सचिव ने इन नीतियों के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत है.
परिवहन विभाग सचिव ने बताया कि पटना में सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को अधिक से अधिक कारगर बनाने पर भी सरकार का जोर है. हम लोगों ने 10 बसों से सार्वजनिक बस सेवा की शुरुआत की थी, आज एक सौ से अधिक हो चुकी हैं. अधिक से अधिक बसों को चलाने से जाम की समस्या से निजात मिलेगी और विभाग उसमें लगा हुआ है. संजय अग्रवाल ने कहा कि हम लोग कई तरह की पॉलिसी तैयार कर रहे हैं. स्कूल कि जो बस सेवा है उसके लिए भी पॉलिसी बना रहे हैं, जिससे बच्चे सुरक्षित स्कूल और सकुशल अपने घर पहुंच सकें. इसके साथ प्रदूषण रोकने के लिए भी नीति तैयार की जा रही है.
करेंगे ये भी कवायद- परिवहन सचिव
संजय अग्रवाल ने कहा कि हम लोगों का जोर इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों पर है. परिवहन विभाग की गाड़ियों के चलने से 50 से 60 हजार लोग प्रतिदिन सफर कर रहे हैं. आने वाले समय में हम लोगों की कोशिश है कि सभी प्रमुख रूटों पर 5 से 7 मिनट के अंदर लोगों को बस की सेवा मिल जाए. इससे न केवल जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा.