पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) से आज राज्य के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (Social Welfare Minister Madan Sahni ) पटना में मुलाकात करेंगे. इसके बाद मदन सहनी इस्तीफा (Madan Sahni Resignation ) दे देंगे. मदन सहनी ने गुरुवार को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि अफसरों की तानाशाही के कारण कोई काम नहीं हो रहा है. केवल सुविधा भोगने के लिए मंत्री नहीं रह सकते.
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क्या है तबादले का पूरा खेल?
सूत्रों की माने तो मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच अधिकारियों के तबादले को लेकर पेंच फंस गया था, जिस कारण यह बखेड़ा खड़ा हो गया, जिससे अब सरकार की किरकिरी हो रही है. दरअसल, जून के महीने में राज्य के करीब सभी विभागों में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले होते हैं. समाज कल्याण विभाग में भी तबादले होने थे. मंत्री ने आरोप लगाया कि तीन दिनों से अधिकारी तबादले का फाइल दबाए हुए हैं.
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...तो इसलिए नाराज है मदन सहनी?
मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को अफसरशाही के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. उन्होंने कहा था कि 'यहां अधिकारियों की कौन कहे, चपरासी तक मंत्री की बात नहीं सुनते. अगर मंत्री की भी बात सरकार में नहीं सुनी जाएगी, तो ऐसी हालत में मंत्री पद पर रहकर क्या फायदा?'
"अफसरों की तानाशाही से हम परेशान हो गए हैं. कोई काम नहीं हो रहा है. जब हम गराीबों का भला ही नहीं कर पा रहे हैं, तो केवल सुविधा भोगने के लिए मंत्री नहीं रह सकते. मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप देंगे.''
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मंत्री पद छोड़ेंगे, पार्टी नहीं: सहनी
हालांकि, जब मदन सहनी से पार्टी छोड़ने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने इसे नकारते हुए कहा कि, "पार्टी में रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेंगे."
बिहार में तबादले पर सियासत गर्म
बिहार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के अफसरशाही के खिलाफ आवाज बुलंद करते ही तबादले को लेकर सियासत प्रारंभ हो गई है. विपक्ष के अलावा सत्ता पक्ष के नेता भी अब अफसरशाही को लेकर मंत्री के सुर में सुर मिला रहे हैं.
सहनी को मिला मांझी का साथ
इस बीच, सहनी को सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी का भी साथ मिल गया है. उन्होंने कहा, "अफसरों की तानाशाही से हम परेशान हो गए हैं. कोई काम नहीं हो रहा है. जब हम गराीबों का भला ही नहीं कर पा रहे हैं, तो केवल सुविधा भोगने के लिए मंत्री नहीं रह सकते। मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप देंगे."
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लालू भी हमलावर
इधर, मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने भी इस मामले के सामने आने के बाद हमलावर हो गई. आरजेडी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि थर्ड डिवीजन से पास करने वाले अगर मुख्यमंत्री बनते हैं तो ऐसा ही होता है.
"गिरते-पड़ते, रेंगते-लेटते, धन बल-प्रशासनिक छल के बलबूते जैसे-तैसे थर्ड डिविजन प्राप्त 40 सीट वाला जब नैतिकता, लोक मर्यादा और जनादेश को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री बनता है तब ऐसा होना स्वाभाविक है. अच्छे और बुरे की बात छोड़िए, बिहार में बिल्कुल शासन नहीं है.''
मंत्री का इस्तीफा...अफसरशाही का बड़ा नमूना: कांग्रेस
इधर, कांग्रेस ने भी इस घटना के बाद सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मंत्री के इस्तीफे की पेशकश अफसरशाही का बड़ा नमूना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्यपालिका, विधायिका पर हावी हो गई है, इसे अब बिहार की जनता भी भली-भांति जान चुकी है.