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'शिक्षकों के स्कूल आने की अनिवार्यता समाप्त करे सरकार, टीकाकरण के बाद ही मिले ड्यूटी' - Corona effect on teacher in bihar

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद सदस्य केदारनाथ पांडे ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद तेज है और इससे बचने के लिए जरूरी है कि ज्यादातर लोग घरों में रहें, लेकिन सरकार के निर्देश के मुताबिक हर स्कूल में 33 फीसदी टीचर्स की उपस्थिति आवश्यक है. जिससे कोरोना का खतरा बरकरार है.

पटना
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Published : Apr 24, 2021, 9:44 PM IST

पटना:कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार से स्कूलों में हाजिरी बनाने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है. संघ का कहना है कि 15 मई तक शिक्षकों को स्कूल में उपस्थिति से पूरी तरह छूट दे दी जाए, ताकि संक्रमण से बच जा सके.

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दरअसल, कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार ने एक पत्र जारी किया था. जिसमें यह कहा गया था कि स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद होने के बावजूद प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक को हर दिन स्कूल आना आवश्यक है. इसके अलावा शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी की कुल संख्या का हर दिन 33 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है.

कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद सदस्य केदारनाथ पांडे ने कहा है ‘कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद तेज है और इससे बचने के लिए जरूरी है कि ज्यादातर लोग घरों में रहें, लेकिन सरकार के निर्देश के मुताबिक हर स्कूल में 33 फीसदी टीचर्स की उपस्थिति आवश्यक है. जिससे कोरोना का खतरा बरकरार है.’

100 किलोमीटर दूर से आते हैं शिक्षक
केदारनाथ पांडे ने बताया कि स्कूलों के 15 फीसदी से ज्यादा टीचर 50 से 100-150 किलोमीटर दूर से स्कूल आते हैं. सरकारी स्कूलों में 35 फीसदी महिलाओं की नियुक्ति हुई है. जिन्हें सार्वजनिक परिवहन से स्कूल आना-जाना होता है. जिससे संक्रमण की चपेट में आने की संभावना रहती है.

शिक्षकों में अब डर का माहौल
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जिलों में बड़ी संख्या में शिक्षक कोरोना वायरस की वजह से दिवंगत हो चुके हैं. इसलिए शिक्षकों में डर का माहौल है. महिलाओं की स्थिति और भी ज्यादा खराब है. जब विद्यालय में शिक्षण कार्य स्थगित है और अभिभावक भी नामांकन के लिए नहीं आ रहे हैं, तो अगले 3 हफ्ते यानी 15 मई तक शिक्षकों को उपस्थिति की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए और उनका टीकाकरण करवाया जाए. उसके बाद उन्हें ड्यूटी दी जाए.

प्रेस के लिए जारी विज्ञप्ति में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडे ने कहा है कि हर जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास प्रिंसिपल और टीचर्स के मोबाइल नंबर उपलब्ध है. आवश्यकता अनुसार उन्हें बुलाया जा सकता है.

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