पटना: बिहार में महागठबंधनको आकार लिए 6 महीने भी नहीं बीते हैं कि राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ने लगी है. दोनों दलों के नेता एक दूसरे को औकात बताने में जुटे हैं. पहले सुधाकर सिंह उसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह और अब सुरेंद्र यादव के बयानबाजी से जदयू पशोपेश में है. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद भी बड़बोले नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं.
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महागठबंधन में गांठ!:शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने रामचरितमानस को लेकर जो टिप्पणी की थी, उसे लेकर जदयू खेमे में खासी नाराजगी है जदयू नेता लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ राजद कार्रवाई करे. बिहार की जनता से माफी मांगने के चंद्रशेखर सिंह के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने भी चुप्पी साध रखी है.
नहीं है संतुष्ट जेडीयू:जदयू नेता भवन निर्माण मंत्री के अलावा मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार लगातार तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं. अशोक चौधरी ने यहां तक कहा कि नीतीश कुमार किसी की कृपा से मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. तनाव को कम करने की कोशिश आंशिक रूप से तेजस्वी यादव के द्वारा की गई और सुधाकर सिंह को नोटिस थमाया गया. इतने से जदयू नेता संतुष्ट नहीं हैं. जदयू चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई चाहती है.
बीजेपी ने तैयारी की रणनीति: पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की पैनी नजर है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अहले सुबह पार्टी प्रवक्ताओं की बैठक बुलाई. बैठक में तमाम प्रवक्ताओं को भविष्य की रणनीतियों को लेकर टिप्स दिए गए. मिल रही जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार को लेकर भी नरमी दिखाने की रणनीति पर चर्चा हुई.
भाजपा और जदयू के बीच करीबी के संकेत:रामचरितमानस पर टिप्पणी जेडीयू नेताओं को भी नागवार गुजरा. अब तक शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के द्वारा खेद नहीं व्यक्त किए जाने के बाद जदयू के शीर्ष नेता नाराज हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की पूजा कर नेताओं को इस बात के संकेत भी दिए कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए.