पटना: पटना में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू (Lalu Yadav) और नीतीश (CM Nitish Kumar) के शासन काल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दोनों के शासन काल की तारीफ की लेकिन बिहार के पिछड़ेपन का जिम्मेदार भी ठहरा दिया. इस पर बिहार की राजनीति (bihar politics) एक बार फिर से गरमाई हुई है. बीजेपी जहां पीके पर खुलकर हमला कर रही है वहीं जदयू, राजद खुलकर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. लेकिन पीके के एलान से राजनीतिक दलों में बेचैनी जरूर देखन को मिल रही है.
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प्रशांत पर अशांत हुए राजनीतिक दल:आखिरकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में कदम बढ़ा दिए हैं. प्रशांत किशोर ने बिहार के तमाम राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. पीके चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ने के लिए रणनीति बना चुके हैं. प्रशांत किशोर महात्मा गांधी के रास्ते पर चल कर अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करना चाहते हैं. सुराज स्लोगन के साथ प्रशांत किशोर अपने कारवां को आगे बढ़ाएंगे. पीके 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे और गांव-गांव घूमेंगे. इसके अलावा 18000 सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं से वह विमर्श करने के बाद राजनीतिक दल का ऐलान करेंगे. प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के शासनकाल पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि 30 साल के दौरान बिहार की जनता की अपेक्षा पूरी नहीं हुई.
बिहार से प्रशांत किशोर की राजनीति की शुरूआत: प्रशांत किशोर ने लगभग एक दशक तक चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम किया और उनकी पहचान भी किंग मेकर रुप में बनी. आपको बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार की धरती के रहने वाले हैं और बक्सर उनका पैतृक जिला है. बिहार के भूमि से जुड़े होने के कारण प्रशांत किशोर ने बिहार को ही राजनीति के लिए चुना है.
"चुनाव और राजनीति की मुझे ज्यादा न सही लेकिन थोड़ी बहुत समझ तो है 10 साल में मैंने वो करके दिखाया है. उसके लिए मुझे पदयात्रा करने या लोगों से मिलने की जरूरत नहीं है. लेकिन मैं मानता हूं कि बिहार में अगर परिवर्तन लाना है तो इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं हैं. किसी एक व्यक्ति की सोच या प्रयास से बिहार को बदला नहीं जा सकता है."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
भाजपा ने पीके पर किए तीखे वार:प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि 10 साल तक मैंने चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम किया और मुझे राजनीति का अनुभव भी हो गया. मेरा मानना है कि बिहार में बदलाव राजनीति के जरिए हो सकता है इसलिए मैंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने का फैसला लिया है. इस पर बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता प्रमोद कुमार ने कहा है कि दल बनाने के लिए हर कोई स्वतंत्र है. प्रशांत किशोर पहले नीतीश कुमार के लिए एजेंडा पर काम करते थे लेकिन अब वह प्रोपेगेंडा पर काम कर रहे हैं. बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर को जगह मिलने वाली नहीं है.
"पहले एजेंडा था अब प्रोपेगेंडा चला रहे हैं. हर कोई पार्टी बनाने के लिए स्वतंत्र है. देश में सैकड़ों पार्टी है. इससे हमें कोई चुनौती नहीं है. सीएम के एजेंडा के साथ पीके ने काम किया है. राज्य सरकार के उच्च पद पर थे. उनको हमारा कोटि कोटि नमन."-प्रमोद कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री, बिहार