पटनाः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कल शुक्रवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. कई महीनों बाद बिहार आने पर उनके समर्थकों में भी काफी उत्साह हैं. लालू प्रसाद यादवकिडनी ट्रांसप्लांट कराकर पिछले कई महीनों से दिल्ली स्थित मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे, अब उनके बिहार दौरे से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. लालू यादव के बिहार दौरे में विपक्षी एकजुटता को लेकर भी बड़ी पहल हो सकती है. कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात के बाद नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं और उसमें लालू यादव सहयोग कर रहे हैं, ऐसी चर्चा है कि बिहार में भी एक बड़ी बैठक विपक्ष के प्रमुख दलों की हो सकती है. इसके अलावा वामपंथी दलों और हम के तरफ से लगातार कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग हो रही है, उम्मीद है इस पर भी कोई फैसला लिया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंःLalu Prasad Yadav: लालू यादव से मिले सीएम नीतीश, 15- 20 मिनट तक हुई मुलाकात
मंत्रिमंडल विस्तार पर हो सकता है फैसलाः बिहार में महागठबंधन के अंदर कई मुद्दों पर पेच फंसा हुआ है. मंत्रिमंडल का विस्तार पिछले साल ही होना था लेकिन लगातार लटक रहा है. कांग्रेस की ओर से दो मंत्री पद मांगा जा रहा है वहीं तेजस्वी यादव के पास 5 विभाग है. दो मंत्री पद आरजेडी के भी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव कांग्रेस को केवल एक मंत्री पद देना चाहते हैं और पेंच यही फंसा हुआ है. दूसरी तरफ जीतन राम भी अपने बेटे के लिए एक और विभाग चाहते हैं. संभव है लालू प्रसाद यादव के बिहार दौरे से मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाए. निगम आयोग और बोर्ड के गठन का मामला महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही लटका हुआ है कोई भी फार्मूला अब तक तय नहीं हो पाया है. एक सौ से अधिक आयोग बोर्ड निगम हैं, उसमें से कुछ ही कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने गठन किया है जबकि अधिकांश खाली पड़ा है.
महागठबंधन के नेताओं की उम्मीदें बढ़ीःमहागठबंधन में 7 घटक दल है और सातों दल के कार्यकर्ता और नेता बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं कि लालू प्रसाद यादव के दौरे से इस पर भी कुछ हल निकालने की कोशिश की जा सकती है. वहीं, 20 सूत्री का गठन भी बिहार में पिछले कई सालों से नहीं हो रहा है. महागठबंधन की सरकार बनी तो इसकी चर्चा शुरू हो गई इसका भी समाधान निकालने की कोशिश हो सकती है. महागठबंधन के अंदर कोऑर्डिनेशन कमिटी को लेकर भी लगातार मांग होती रही है हालांकि इस पर सहमति बनेगी इसका चांस कम ही है क्योंकि आरजेडी और जदयू के नेता नहीं चाहते हैं यह बने. जदयू और आरजेडी के नेता लगातार कहते भी रहे हैं कि महागठबंधन के अंदर कोई विवाद नहीं है जबकि सरकार के फैसले को लेकर ही वामपंथी दलों हम और यहां तक कि कांग्रेस की तरफ से कई बार नाराजगी जताई जाती रही है.
कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर चर्चा तेजः पिछले दिनों आरजेडी विधायकों की तरफ से लगातार बयान दिए जा रहे थे उसके कारण भी महागठबंधन सरकार के लिए मुश्किल बढ़ी थीं, हालांकि फिलहाल बयानों पर लगाम लगा हुआ है. एक तरफ वामपंथी दल के नेता भी भी मांग कर रहे हैं कि लालू प्रसाद आए हैं तो महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठकर कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर चर्चा करें और जो भी बड़े मुद्दे हैं उसका समाधान हो. माले अभी भी कह रही है कि जब लालू प्रसाद यादव आये हैं, तो महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठकर बड़े मुद्दों पर फैसला लें. वरिष्ठ पत्रकार जी पी चौधरी का भी कहना है कि जो भी लटके मामले हैं उन सब पर चर्चा हो सकती है. साथ ही विपक्षी एकजुटता को लेकर लालू प्रसाद यादव बिहार से बड़ी पहल कर सकते हैं.