पटनाः झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बयान पर बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं ने मंत्री के बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की है. नेताओं ने कहा है कि इस तरीके का बयान महागठबंधन के नेता ही दे सकते हैं.
विभाजनकारी बयान से बचना चाहिए
झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि रांची में बिहारी और मारवाड़ी की संख्या ज्यादा है. संसाधन पर उन्होंने कब्जा जमा लिया है. आदिवासियों को अपने अधिकार से उनके चलते वंचित होना पड़ता है. मंत्री के इस बयान पर बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं ने तीखा हमला बोला है. नेताओं ने कहा है कि मंत्री महोदय को संविधान की जानकारी नहीं है. उन्हें विभाजनकारी बयान से बचना चाहिए.
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संविधान देता है खुद इजाजत
"संविधान देश के तमाम लोगों को कहीं भी आने-जाने और रहने की स्वतंत्रता देता है. अगर कुछ मंत्री अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, तो यह उनकी मानसिक दिवालियापन हो सकती है." -अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
करना चाहिए संविधान का अध्ययन
"जाति धर्म और निवास स्थान के आधार पर देश में किसी को बांटा नहीं जा सकता है. संविधान सबको कहीं भी रहने, आने-जाने की आजादी देता है. मंत्री अगर इस तरीके का बयान दे रहे हैं, तो घोर आपत्तिजनक है. उन्हें संविधान का अध्ययन करना चाहिए." -अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
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बयानबाजी की तीखी भर्त्सना
"बयान की हम तीखी भर्त्सना करते हैं. वैसे भी महागठबंधन के नेता इस तरीके की राजनीति करते हैं. उन्हीं से ऐसे बयान की अपेक्षा की जाती है." -दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता
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"मुझे उनके बयान की पूरी जानकारी नहीं है. पहले समझना होगा कि किस परिपेक्ष में उन्होंने ऐसा कहा. लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि बिहार और झारखंड में अंतर नहीं है. रोटी-बेटी का रिश्ता है. झारखंड और बिहार संविधान के आधार पर जरूर विभाजित हुआ है. परंतु व्यवसाय, यातायात वगैरह में कोई अंतर नहीं है. ऐसे बयान को ज्यादा तूल देने की कोई जरूरत नहीं है. बिहार और झारखंड के बीच भावनात्मक रिश्ता है." -राकेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
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बयान की तीखी निंदा
"इस देश में किसी भी राज्य में कोई भी व्यक्ति कहीं भी रह सकता है. व्यवसाय कर सकता है. जिस तरह का उन्होंने बयान दिया है, वह कहीं से भी ठीक नहीं है. लोजपा उनके बयान का खंडन करती है. इसकी तीखी निंदा करती है." -संजय पासवान, लोजपा प्रवक्ता
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झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि रांची में बिहारी और मारवाड़ी आकर भर गए हैं. जिस वजह से आदिवासी समाज के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. रांची की जमीन दूसरे लोगों के हाथ में चली गई है. यहां मारवाड़ी बस गए हैं. आदिवासी कमजोर हो गए हैं. जिस वजह से उनका शोषण हो रहा है. रांची में कभी आदिवासियों का निवास हुआ करता था. इस बयान के बाद बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया है.