पटना: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिटारा खोला. वित्तिय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया. कहा यह आम लोगों का बजट है. बजट का इंतजार तो वैसे हर भारतीय को होता है पर राजनेता इसे अपनी राजनीतिक आइने से देखते हैं.
बात बिहार की करें तो सीएम नीतीश कुमार ने जहां इस बजट पर संतोष व्यक्त किया वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्राइवेटाइजेशन में एससी-एसटी को आरक्षण दिया जाना चाहिए. इस मुद्दे को लेकर भी सरकार को सोचना चाहिए था.
'देश बेचने वाला बजट'
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह देश बेचने वाला बजट है. यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को बेचने की सेल थी. बिहार से इतने सारे सांसद जीतकर गए हैं, लेकिन क्या वे सिर्फ डेस्क थपथपाने के लिए गए थे. वे लोग दिल्ली क्या थाली पीटने के लिए गए हैं.
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गरीबों की उम्मीद पर फिरा पानी
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि कोरोना की वजह से देशभर में लोगों का रोजगार छिन गया था. लोग केंद्र सरकार से उम्मीद लगा कर बैठे थे कि 2021 में कुछ बेहतर होगा. केंद्र सरकार अपने बजट में गरीबों पर ध्यान देगी. उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ. केंद्र सरकार ने गरीबों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इसलिए यह बजट गरीबों के लिए नहीं पूंजीपतियों के लिए है.