पटना: प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर बिहार पुलिस मुख्यालय गंभीर है. PHQ की नजर उस अपराध कर्मियों पर है जो पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुके हैं. इसके अलावा एससी एसटी एक्ट के तहत भी पुलिस ने बिहार में रिकॉर्ड कार्रवाई की है. बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटना ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. पुलिस मुख्यालय भी हरकत में आई है. इधर, बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष भी हमलावर है.
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पुलिस अभिरक्षा में फरार बदमाशों पर नकेल: पुलिस मुख्यालय की ओर से बिहार के तमाम थानों को फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टास्क सौंपा गए थे. कुल मिलाकर बिहार पुलिस ने पिछले 3 महीने के दौरान 502 फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से कहा गया है कि ''गवाहों की सुरक्षा के लिए सरकार गंभीर है. हम गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा दे रहे हैं. इसके अलावा गवाहों की सुरक्षा के लिए फंड बनाया गया है.''
एससी-एसटी केस में निष्पादन: गौरतलब है कि एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई को लेकर भी सरकार पर दबाव था. एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने बताया कि एससी एसटी एक्ट के तहत 1762 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें से कुल 2590 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है.
बिहार पुलिस मुख्यालय की सख्ती का असर: 2023 के जनवरी महीने में एससी एसटी एक्ट के तहत 550 कांड दर्ज हुए. 829 केस का डिस्पोजल हुआ, फरवरी महीने में 548 केस रजिस्टर्ड हुए, 915 कांडों का डिस्पोजल हुआ. मार्च महीने में 664 केस दर्ज हुए, 846 कांडों का निष्पादन हुआ. एडीजी मुख्यालय ने कहा कि प्रशासन की नजर वैसे अपराधियों पर भी है, जो पुलिस कस्टडी से फरार हो चुके हैं. पुलिस कस्टडी से फरार 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि पुलिस अभिरक्षा से फरार अपराधियों की संख्या बिहार में 117 है.