सिवानःएक जमाना था, जब बिहार में जंगलराज होने की बात कही जाती थी. आज स्थिति काफी हद तक बदल गई है. उस दौर में आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Former MP Mohammad Shahabuddin) की सिवान में तूती बोलती थी. 2005 के बाद बिहार के लॉ एंड ऑडर में काफी सुधार आया और उस वक्त के कई लोग जो आतंक का प्रयाय बन चुके थे, सलाखों के पीछे भेजे गए. आरजेडी के सत्ता से जाने के बाद शाहबुद्दीन का राजनीतिक ग्राफ भी धीरे-धीरे नीचे गिरता गया और सालों तक जेल में रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन पिछले दिनों एक बार फिर सिवान में गैंगवार ने आहट दे दी, जब एमएलसी चुनाव के निर्दलीय उम्मीदवार रईस खान पर हमला (Attack On MLC Candidate Rais Khan In Siwan) हुआ. सिवान से लेकर राजधानी पटना तक राजनीति गरमा गई. आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. वहीं, लोगों को अब इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं सिवान में पुराना दौर फिर से वापस ना आ जाए.
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कहीं वापस ना आ जाए पुराना दौरःदरअसल बिहार के सिवान से निर्दलीय उम्मीदवार रईस खान सिवान में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर हैं. बीते 2 दिन पहले एके-47 से इन पर हमले हुए. हालांकि हमले वो बाल-बाल बच गए लेकिन एक अन्य शख्स की मौत हो गई, इस मामले को लेकर उनके द्वारा बाहुबली नेता स्वर्गीय शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब समेत आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई. इस मामले में ओसमा का नाम सामने आने के बाद लोगों को ये शंका होने लगी है कि सिवान में पुराना दौर कहीं फिर से वापस ना आ जाए. वहीं पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि इस पूरे मामले पर हमारी नजर है, जांच चल रही है. जो लोग भी इस मामले में सामने आएंगे उन पर कार्रवाई होगी. जल्द ही पूरा खुलासा हो जाएगा.
ओसामा शहाब पर आरोप लगाए जाने के बाद सिवान इलाके में गोलबंदी तेज हो गई है. क्योंकि एमएलसी चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी विनोद कुमार जायसवाल को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिवार का समर्थन मिला है. जिस वजह से उन लोगों ने आरोप लगाया है कि शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के साथ कई लोगों ने उनपर AK47 से हमला किया है. सवाल ये भी उठ रहा है कि एमएलसी चुनाव के दौरान आखिर कैसे एके-47 की गूंज एक बार फिर से सिवान में सुनने को मिली. आखिर कहां से एके-47 सिवान में आ रहा है. कई तरह के सवाल बिहार पुलिस और मुख्यालय पर भी खड़े हो रहे हैं.
घटना के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय अलर्टः सिवान में हुए AK47 से हमले के बाद सिवान और बिहार पुलिस मुख्यालय भी अलर्ट हो गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय को लगता है कि AK47 से हुए हमले के बाद गैंगवार जैसी नौबत ना आए. उस को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस हमले में 1 एके-47 का नहीं बल्कि कई एके-47 से वार किया गया है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार सारण के डीआईजी रविंद्र कुमार के द्वारा सिवान के एसपी और जिले के सभी थानेदारों के साथ बैठक की गई है. इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी की गई है, बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. हालांकि गैंगवार की बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि एके-47 से हुए हमले के बाद पूर्व जदयू विधायक ने ताल ठोक कर बदला लेने का बात कही है. हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय सिवान की घटना पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है और लगातार पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर चल रहा है.
दो अफसरों ने किया था शहाबुद्दीन के खौफ को खत्मःआपको बता दें कि सिवान में यह कोई पहली बार नहीं है कि AK47 की धमक देखने को मिली है. बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के दौर में भी AK47 की धमक थी, उस वक्त हालात यह थी कि पुलिस भी उस बाहुबली पर हाथ डालने से डरती थी. तब दो अफसरों ने पूरे महकमे को बताया कि प्रशासन और प्रशासक का पावर क्या होता है. तत्कालीन डीएम सी के अनिल और एसपी एस रत्न संजय कटियार ने कहीं न कहीं शहाबुद्दीन के खौफ को खत्म करने का निर्णय लिया था.