बिहार पुलिस के चतुर्थवर्गीय कर्मियों का प्रदर्शन पटना:बिहार पुलिस ने कर्मियों के शहीद होने पर 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्णय लिया है. केंद्रीय प्रशस्ति समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब कर्तव्य पालन के दौरान पुलिसकर्मियों की मृत्यु होने पर परिजनों को 25 लाख रुपया अनुदान राशि दी जाएगी. इसमें सिपाही, हवलदार, लिपिक, जमादार, दारोगा, इंस्पेक्टर, बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारी और भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारी शामिल हैं, लेकिन यह लाभ चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को नहीं मिलेगा. ऐसे में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने प्रदर्शन किया. .
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चतुर्थवर्गीय कर्मियों ने की 25 लाख अनुदान की मांग : बिहार पुलिस के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का कहना है कि पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं. साथ-साथ जहां भी उग्रवाद प्रभावित नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र होता है वहां पुलिस कैंप में हम लोग भी मौजूद होते हैं और किसी तरह की घटना होती है तो हम लोग भी उसका सामना करते हैं. कई बार चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी भी शहीद हुए हैं. ऐसे में इसका लाभ चतुर्थवर्गीय कर्मियों को भी मिलना चाहिए.
"अनुदान राशि हम लोगों को भी मिलनी चाहिए नहीं तो हम लोग आगे जोरदार आंदोलन करेंगे. एक बार सासाराम में मैंने भी नक्सलियों का सामना किया था और कई राउंड गोलियां चलानी पड़ी थी. कई बार चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने उग्रवादी हमले में बर्तन से ढंककर अपनी जान बचाई है. अगर हमलगों को यह लाभ नहीं मिलता है तो हमलोग आंदोलन करेंगे ".- रामानुज राय, प्रदेश अध्यक्ष
कई बार मुठभेड़ में शहीद हुए हैं चतुर्थ वर्गीय कर्मी : बिहार पुलिस के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को 25 लाख रुपया अनुदान लाभ से वंचित रखा गया है. इसमें रसोइया, धोबी, नाई, जलवाहक शामिल हैं. इन सभी लोगों का कहना है कि पुलिस के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलते हैं, जहां भी पुलिस का पोस्ट होता है वहां हम भी मौजूद होते हैं. कई बार पुलिस पिकेट पर हमला हुआ है तो बिहार पुलिस के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के लोग भी इसमें शहीद हुए हैं. ऐसे में हम लोगों को इससे वंचित क्यों किया गया है.
डीजीपी को सौंपा जाएगा ज्ञापन : चतुर्थवर्गीय कर्मियों ने कहा कि हमलोगों की मांग है कि हम लोगों का भी अंशदान काटा जाए और हम लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए. संगठन महामंत्री मोहन शंकर तिवारी ने बताया कि यह पुलिस मुख्यालय की दोहरी नीति है और इसके खिलाफ हमलोग आगे भी आवाज उठाने का काम करेंगे. वही डीजीपी को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा.
"कर्मियों की मांग आपलोगों के माध्यम से हमें पता चली है. अभी लिखित रूप में इसकी जानकारी नहीं मिली है. जब लिखित रूप में यह आएगी तो प्रशासी निकाय की बैठक में इसे रखकर जो भी इस पर निर्णय होगा लिया जाएगा".- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी मुख्यालय