पटना:बिहार में पंचायत चुनाव(Panchayat Election) की अधिसूचना (Notification) जारी हो गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में मुखिया, वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिये होना है. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक दल (Political Party) के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
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आयोग ने पंचायत चुनाव से संबंधित 42 पेज की आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) बनाई है, जो कि चुनाव की समाप्ति तक लागू रहेंगे. राज्य चुनाव आयोग ने राजनीतिक दल के नाम पर या पार्टी के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा रखी है. अगर उम्मीदवार ऐसा करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
दलगत आधार पर पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) नहीं होने के बावजूद इस बार राजनीतिक दलों की काफी सक्रियता दिख रही है. अपने-अपने कार्यकर्ताओं को जिताकर पंचायत स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. भले ही इस चुनाव में किसी पार्टी का झंडा, पोस्टर और बैनर नहीं दिखेंगे, लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से चुनाव मैदान में किसी ना किसी प्रत्याशी को समर्थन देंगे और जो प्रत्याशी होंगे उनका चयन भी पार्टी के आधार पर ही होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पैठ और जनाधार बनाने की रणनीति के तहत बीजेपी (BJP) पंचायत चुनाव में बिना झंडे का इस्तेमाल किये कूदने जा रही है.
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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि कोई झंडा नहीं लगा सकता, कोई बैनर नहीं लगता और न ही हम पार्टी की तरफ से किसी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं. ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र है. पार्टी के वर्कर अगर चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लड़ें. बीजेपी ने रणनीतियों को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है. पार्टी चाहती है कि अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ता स्थानीय निकाय में चुनाव जीत हासिल करें.