पटना: सड़क से लेकर सदन तक के संघर्ष के बाद आखिरकार नियोजित शिक्षकों के जीवन में वो पल आ ही गया जब उनकी आंखों से दुख के नहीं बल्कि खुशी के आंसू छलक उठे. उनकी लंबी लड़ाई का अंत हो गया और अब वे भी नए साल का जश्न दिल खोलकर मनाएंगे. दरअसल बिहार के करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकोंको नए साल से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया है.
अब राज्यकर्मी कहलाएंगे नियोजित शिक्षक: मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के एजेंडे पर मुहर लगायी गई. यानि अब बिहार के नियोजित शिक्षक भी राज्यकर्मी कहलाएंगे. उन्हें भी बिहार सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह कई सरकारी सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा.
कौन हैं नियोजित शिक्षक?: ग्रामीण स्तर पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने और शिक्षकों की कमी झेल रहे सरकारी स्कूलों में वर्ष 2003 से शिक्षा मित्र रखे जाने का फैसला नीतीश सरकार ने किया गया था. 10वीं और 12वीं में प्राप्त किए अंकों के आधार पर इन शिक्षकों को 11 महीने के कांट्रैक्ट बेसिस पर रखा गया था. नियोजित शिक्षकों को महीने के 1500 रुपये का वेतन दिया जाने लगा. इसके बाद फिर धीरे धीरे अनुबंध बढ़ता रहा और उनकी आमदनी में भी इजाफा होता गया.
कितनी बढ़ेगी बेसिक सैलरी?: बता दें कि अब नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे. विशिष्ट शिक्षकों को वेतन के साथ-साथ भत्ता भी मिलेगा. कक्षा 1 से लेकर 5 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 25 हजार वेतन मिलेगा. वहीं कक्षा 6 से लेकर 8 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 28000 रुपये जबकि कक्षा 9 से लेकर 10 तक के लिए 31 हजार रुपये और कक्षा 11 से लेकर 12 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 32000 रुपये वेतन प्रतिमाह दिया जाएगा.
मिलेंगे ये लाभ: नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद महंगाई भत्ता, मकान, किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता भी मिलेगा. समय-समय पर वेतन, भत्तों में संशोधन किया जा सकता है. 8 साल की अवधि के बाद शिक्षकों की प्रोन्नति भी हो सकती है. वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों को जिला में स्थानांतरित कर सकते हैं.