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सरकार NDA की हो चाहे UPA की, हम लोगों की विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमेशा रहेगी- नीरज

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Published : Jun 7, 2021, 5:46 PM IST

नीति आयोग की एसडीजी पर आधारित रिपोर्ट आने के बाद पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग बहुत पुरानी है. यह मांग आगे भी चलती रहेगी.

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पटना: नीति आयोग (NITI Aayog) की एसडीजी (SDG India Index) पर आधारित रिपोर्ट से बिहार में बवाल मचा हुआ है. रिपोर्ट में बिहार को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जदयू के तरफ से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, इसकी मांग जोर पकड़ने लगी है.

जदयू के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज(MLC Bihar) का कहना है कि यह मांग पुरानी है. लेकिन रिपोर्ट से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. सर्वदलीय बैठक में विधानमंडल में प्रस्ताव पास हो चुका है.

कोई भी इसे इनकार नहीं कर सकता है. नीरज ने कहा कि केंद्र में सरकार चाहे यूपीए की हो चाहे एनडीए की यह मांग हमेशा रहेगी.

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ट्वीट कर प्रधानमंत्री से की थी मांग
बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद जदयू नेता लगातार कह रहे हैं कि बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का मिलना जरूरी है. रिपोर्ट आने के बाद सबसे पहले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से इसकी मांग की और उसके बाद जदयू के कई नेताओं ने मजबूती से पक्ष रखा है.

सतत विकास को लेकर 2030 तक का लक्ष्य
जदयू के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि रिपोर्ट से जोड़कर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को देखना भ्रम फैलाने वाली बात है. उनका कहना है कि सतत विकास को लेकर 2030 तक का लक्ष्य रखा गया है.

बिहार की जिन क्षेत्रों में उपलब्धि हुई है, खासकर महिला सशक्तिकरण, सैनिटाइजेशन, ऊर्जा, पेयजल इन सभी पर चर्चा नहीं हो रही है.

बिहार की जनता नहीं हैं दोषी
मंत्री नीरज ने कहा कि बिहार-झारखंड जब एक थे तो हर घर बिजली नहीं पहुंची थी. कोयला की भी उपलब्धता थी. इसके लिए दोषी बिहार की जनता नहीं हैं. ऐतिहासिक पिछड़ापन है और इसके लिए बिहार की जनता गुनाहगार नहीं है. इसके लिए विशेष मदद की जरूरत है और इस देश में विशेष मदद सामाजिक व्यवस्था में मिलता है.

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बिहार की जनता की आकांक्षा होगी बलवती
नीरज ने कहा कि यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा तो इससे बिहार की जनता की आकांक्षा बलवती होगी. आज के दौर में जब इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ तो उद्योग विभाग को कई प्रस्ताव आ रहे हैं.

नीरज ने कहा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉ ऑर्डर, सड़क, बिजली में सुधार हुआ तो निवेश के कई प्रस्ताव आ रहे हैं.

जदयू ने उठाया मांग
पूर्व मंत्री नीरज ने कहा यह मांग पुरानी है. जदयू ने इस मांग को उठाया है, लेकिन विधानमंडल में तो सर्वदलीय प्रस्ताव पास हो चुका है. इसलिए कोई दल इससे अलग नहीं हो सकता है.

बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों का कितना सहयोग मिल रहा है, इस पर नीरज ने कहा आकांक्षा तो सब की है अगर ऐसा नहीं होता तो सर्वसम्मति प्रस्ताव पास नहीं होता.

देखें रिपोर्ट

हर साल बाढ़ का कहर
बिना स्पेशल स्टेटस मिले कई राज्य तरक्की कर रहे हैं. इस पर नीरज का कहना है कि बिहार की जो स्थिति है, उस तरह की उन राज्यों के साथ नहीं है. बिहार अंतरराष्ट्रीय नदियों का कहर झेलता है और हर साल बाढ़ से नुकसान उठाता है. बिहार के पास समुद्री सीमाएं भी नहीं हैं. सामाजिक रूप से पिछड़े बिहार को तो विशेष मदद की जरूरत है.

बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी
नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद जदयू बिहार को विशेष दर्जे की मांग को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी करती दिख रही है. बिहार के विकास के लिए इसे जरूरी भी बता रहा है. जदयू के पूर्व मंत्री ने साफ कर दिया है कि सरकार चाहे किसी की रहे यह बिहार की मांग है.

पटना से लेकर दिल्ली तक किया गया आंदोलन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, इसके लिए पटना से लेकर दिल्ली तक आंदोलन किया था. बता दें कि बीच में जरूर यह मांग सुस्त पड़ गई, लेकिन अब नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद फिर से जोर पकड़ने लगी है.

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