बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar CAG: योजना की राशि नहीं खर्च कर पाया अल्पसंख्यक विभाग, CAG ऑडिट में खुलासा - patna news

कैग के ऑडिट से एक बार फिर बिहार सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सीएजी के ऑडिट में खुलासा हुआ है कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड योजनाओं में राशि का महज 40 फीसदी ही खर्च कर पाती है जबिकि 60 प्रतिशत राशि रिटर्न कर दिया जाता है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Minority department could not spend amount
Bihar Minority department could not spend amount

By

Published : May 22, 2023, 7:46 PM IST

सरकार नहीं खर्च पा रही राशि

पटना:एक तरफ नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कई योजना बनाने का दावा करती है और उसके लिए बड़ी राशि की व्यवस्था करने की बात भी करती है, लेकिन दूसरी तरफ योजनाओं की राशि खर्च नहीं हो पा रही है. सीएजी ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड की योजनाओं को लेकर जो ऑडिट किया है उसमें क्या खुलासा हुआ है.

पढ़ें-CAG रिपोर्ट पर बोली RJD- '92687 करोड़ खर्च का हिसाब नहीं दे पायी नीतीश सरकार'

सरकार नहीं खर्च पा रही राशि.. 60% रिटर्न: आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड 40% के आस-पास ही राशि खर्च कर पा रही है. लगभग 60% राशि रिटर्न हो जा रही है. अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान का कहना है कि हम लोग बैठक कर जल्द ही इस समस्या को दूर करेंगे. सरकार का मकसद अधिक से अधिक लोगों को मदद पहुंचाना है और उस दिशा में हम लोग काम करेंगे जो भी त्रुटियां हैं, उसे दूर किया जाएगा. आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय सीएजी से बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड से जानकारी मांगी थी और उसी के तहत सीएजी ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है.

"बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, सभी का एक जैसा हाल है. 40 से 50% राशि ही खर्च हो पा रही है. अधिकांश राशि या तो रिटर्न हो जा रही है या फिर बची हुई है, जिससे लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है."-शिव प्रकाश राय, आरटीआई एक्टिविस्ट

बोले मंत्री जमा खान- 'जल्द त्रुटि होगी दूर': बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाओं को संचालित करता है लेकिन इन योजनाओं में वित्तीय अनियमितता के साथ राशि खर्च नहीं करने का मामला भी सामने आया है. सीएजी रिपोर्ट में राज्य पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना से संबंधित ऑडिट में जो पता चला है उसमें 2018-19 से 2019-20 के दौरान इसी योजना के कार्यान्वयन के लिए विभाग द्वारा कुल राशि 62 करोड़ 94 लाख की राशि उपलब्ध कराया गया जिसमें वर्ष 2018- 19 से 2019-20 में मात्र 25.65 करोड़ व्यय किया गया. 36 .37 करोड़ रुपया निगम के पास बचा था. इस मामले में बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने फोन से हुई बातचीत में कहा कुछ त्रुटियां हैं लेकिन हम लोग जल्द ही बैठक करने वाले हैं.

ईटीवी भारत GFX

"बैठक कर योजनाओं को कैसे बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जाए, इसका फैसला लेंगे. हम लोगों का मकसद अधिक से अधिक लाभुकों को सही ढंग से लाभ देने है और उसी को ध्यान में रखकर हम लोग आगे जल्द ही बैठक कर फैसला लेंगे."- जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार

कैसे होगा अल्पसंख्यकों का विकास?: इसी तरह केंद्र पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2012-13 के बाद इस कार्यालय से नहीं किया जा रहा है. इस योजना के लिए प्राप्त कुल 5005 लाख रुपए में से 3344 लाख रुपए का वितरण ही किया गया, 1651 लाख रुपए विभाग को लौटा दिया गया है. इसी तरह सीएजी ने अपने ऑडिट में यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना अंतर्गत कौशल विकास कार्यक्रम के तहत वर्ष 2008-09 से 2020 -21 तक 1300 लाख रुपए उपलब्ध कराया गया जिसमें से कुल 948 लाख रुपए ही व्यय किया गया. इसमें भी बड़ी राशि निगम के पास बची रह गयी.

"सरकार का मकसद साफ है अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ सही ढंग से लोगों तक पहुंचे और इसमें जहां भी गड़बड़ी और त्रुटियां होगी उस पर एक्शन लिया जाएगा."-हिमराज राम, प्रवक्ता जदयू

CAG की रिपोर्ट में खुलासा: सीएजी के ऑडिट में यह भी पता चला है कि बिहार अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा निगम को वर्ष 2012-13 से 2020-21 के दौरान कुल 46000 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई. इसमें से निगम 15028 लाभुकों के बीच 20428 लाख की राशि ऋण वितरित कर पाया उपलब्ध राशि का यह मात्र 40% से 60% की राशि 25572 लाख रुपए निगम के पास बची हुई थी. इस योजना अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोजगार युवक-युवतियों को जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 4 लाख से अधिक नहीं हो, बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड के माध्यम से 5% वार्षिक साधारण ब्याज दर पर ₹ 5 लाख तक ऋण राशि प्रदान करती है.सीएजी के तरफ से पहले भी बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में चल रही योजनाओं को लेकर टिप्पणी की जाती रही है. ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता से लेकर राशि खर्च नहीं किए जाने की बात कही जाती रही है. हालांकि कभी भी सरकार की तरफ से सीएजी की रिपोर्ट पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है लेकिन इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा है कि हम लोग जल्द ही बैठक कर आगे एक्शन लेंगे.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details