नई दिल्ली: बिहार जदयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ( Umesh Kushwaha ) ने कहा कि शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय 7 जंतर मंतर पर जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी ( JDU National Executive ) की बैठक होगी. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ), राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) , पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद, राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य और राज्य इकाइयों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे.
उन्होंने कहा कि बैठक में सदस्यता अभियान की रूपरेखा, यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी. प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पर जदयू के संगठन को और मजबूत किस तरह बनाया जाए. ज्यादा धारदार कैसे बनाया जाए इस पर भी मंथन होगा. उन्होंने कहा कि कोई नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा या नहीं इसकी मुझे अभी जानकारी नहीं है. संगठन में कुछ फेरबदल होगा या नहीं होगा, इन सब का निर्णय नीतीश कुमार को लेना है. नीतीश कुमार जो भी निर्णय लेंगे, वह सभी को स्वीकार होगा.
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बता दें कि दिल्ली में शनिवार शाम 4 बजे जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो जाएगी. बैठक अपने आप में बहुत अहम है. माना जा रहा है कि पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इसका ऐलान कर सकते हैं.
दरअसल, आरसीपी सिंह अभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बन गए हैं. जदयू में अंदर खाने RCP की जगह किसी और व्यक्ति को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग उठ रही है. इसके लिए एक व्यक्ति एक पद का हवाला दिया जा रहा है. जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एवं मुंगेर सांसद ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.
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उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश लव-कुश ( कुर्मी-कुशवाहा ) समीकरण को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं. वैसे जदयू पर आरोप लग रहा है कि पार्टी में कुर्मी एवं कुशवाहा समाज के नेताओं को ही तरजीह दी जा रही है क्योंकि बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी 'कुशवाहा' जाति से ही आते हैं. इसलिए यह भी हो सकता है कि ललन सिंह, जो सवर्ण हैं और भूमिहार जाति से आते हैं उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश यह संदेश देने की कोशिश करें कि हम सवर्णों को भी तरजीह देते हैं.
बता दें कि आरसीपी के साथ ललन सिंह की भी केंद्र सरकार में मंत्री बनने की संभावना थी लेकिन जदयू को एक ही कैबिनेट मंत्री का पद मिला. ललन सिंह मंत्री नहीं बन पाए. तब से ललन खेमा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग ललन सिंह को कर रहा है. वहीं आरसीपी केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी कहेगी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दूंगा.