पटना: बिहार में कोरोना काल में भी जेलों में कैदियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. बिहार के 59 जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता से अधिक कैदी इस वक्त मौजूद हैं. पिछले कुछ दिनों में नए 6 हजार कैदी बिहार के विभिन्न जिलों में बंद हुए हैं. जेलों में अधिक कैदी होने की वजह से जेल प्रशासन को कैदियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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जेलों में क्षमता से अधिक कैदी
जेल प्रशासन द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार के 59 और जेल में 46,619 कैदियों को बंद रखने की क्षमता है, परंतु कैदियों की क्षमता से लगभग 75% अधिक कैदी इस वक्त बिहार के विभिन्न जेलों में बंद हैं. पिछले कुछ दिन पहले तक 21 फीसदी यानी 56,424 कैदी थे. कोरोना काल के दौरान राज्य के जिलों में बढ़े हुए कैदियों की संख्या के कारण जेल प्रशासन को काफी समस्या आ रही है.
बेउर जेल के बाहर पुलिसकर्मी पुलिस को गिरफ्तारी से बचने के निर्देश
कोरोना काल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अब तक अंडर ट्रायल कैदियों को छोड़ने का फैसला नहीं लिया गया है. जिसके कारण बिहार की विभिन्न जेलों में अत्यधिक कैदी हो गए हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए सभी पुलिस अधीक्षकों को 7 साल से कम की छोटी-मोटी घटनाओं में पुलिस को गिरफ्तारी से बचने का निर्देश दिया था, इसके बावजूद भी क्षमता से अधिक कैदी हैं.
कैदियों का हुआ टीकाकरण
जेल प्रशासन द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार के विभिन्न जेलों में लगभग 10 हजार कैदी सजायाफ्ता हैं. वहीं, 52 हजार कैदी अंडर ट्रायल हैं. हालांकि, कोरोना के मद्देनजर जेल प्रशासन द्वारा अब तक 57 हजार कैदियों को वैक्सीनेशन टीकाकरण का लाभ दिलाया गया है. वहीं, बिहार के कई जेलों में शत प्रतिशत टीकाकरण का काम भी पूरा हो गया है. बेउर जेल प्रशासन के मुताबिक 97 प्रतिशत कैदियों का टीकाकरण हो चुका है.
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वहीं, कुछ कैदी ऐसे भी हैं जो टीकाकरण नहीं लेना चाह रहे हैं. वैसे कैदियों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है. ताकि उन्हें टीका के फायदे के बारे में जानकारी दी जा सकें. वहीं, जेलों में बंद कैदियों के स्वास्थ्य के मद्देनजर जिलों में गर्म पानी और काढ़ा की व्यवस्था की गई है. ताकि कैदियों की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत किया जा सकें.