पटना:बिहार एथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकता है. एथेनॉल खरीद के लिए तेल कंपनियों द्वारा जारी टेंडर में बिहार की प्रस्तावित इथेनॉल इकाईयों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई और बिहार से सर्वाधिक प्रस्ताव आए हैं. योजना धरातल पर उतरी तो लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है.
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एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में बिहार लीडर बनने की स्थिति में है. बिहार में एथेनॉल नीति को लेकर सरकार उत्साहित है. बिहार को अप्रत्याशित तौर पर निवेश के प्रस्ताव भी हासिल हुए हैं. एथेनॉल खरीद के लिए तेल कंपनियों द्वारा जारी टेंडर में बिहार की प्रस्तावित एथेनॉल इकाइयों ने सबसे ज्यादा संख्या में भाग लिया. पूरे देश में 197 प्रस्तावित एथेनॉल निकायों ने भाग लिया, इनमें से सर्वाधिक 29 प्रस्ताव बिहार से थे.
बिहार में एक करोड़ 35 लाख टन गन्ना का उत्पादन होता है. 1 टन गन्ने में 10 लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है, फिलहाल सरकार ने 187 करोड़ लीटर एथेनॉल सप्लाई का दावा किया है. एक इकाई में प्रत्यक्ष तौर पर हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे. ऐसे में अगर कुल 29 इकाई लगती है, तो वैसी स्थिति में 30,000 के आसपास रोजगार प्रत्यक्ष तौर पर लोगों को मिलेंगे, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं.
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अर्थशास्त्री विद्यार्थी विकास ने कहा कि ''इथेनॉल के क्षेत्र में बिहार में अपार संभावनाएं हैं. बिहार में गन्ने का उत्पादन बहुतायत है. अगर सरकार ने उद्योगपतियों को सहूलियत दी और सिंगल विंडो सिस्टम लागू हुआ, तो ऐसी स्थिति में लाखों लोगों को इथेनॉल उद्योग से रोजगार मिल सकते हैं.''
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन(Shahnawaz Hussain) ने कहा कि ''बिहार से सबसे ज्यादा टेंडर डाले गए हैं. दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश रहा है. बिहार में क्षमता है और इसे सरकार अपने उच्चतम स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.''
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बता दें कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां एथेनॉल उत्पादन पॉलिसी (Ethanol Production Policy) लांच की गई है. इसी वर्ष बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन पॉलिसी 2021 को लांच किया गया, जिसके बाद काफी संख्या में निवेशकों ने प्रदेश में इथेनॉल उद्योग इकाई (Ethanol Industry Unit) लगाने में अपनी रूचि दिखाई है. बिहार में बड़े पैमाने पर इथेनॉल उद्योग स्थापित करने की दिशा में उद्योग विभाग जोर शोर से लगा हुआ है.
उद्योग मंत्री ने दावा किया है कि कोरोना और लॉकडाउन (Corona and Lockdown) के बावजूद इथेनॉल उद्योगों (Ethanol Industries) की स्थापना के लिए अप्रत्याशित निवेश प्रस्ताव हासिल करने के बाद राज्य ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. उनका कहना है कि इथेनॉल खरीद के लिए तेल कंपनियों द्वारा जारी टेंडर में बिहार की प्रस्तावित इथेनॉल इकाईयों ने सबसे ज्यादा संख्या में भाग लिया है.