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बिहार में कोरोना की तीसरी लहर! आईएमए ने गाइडलाइन फॉलो करने का दिया निर्देश

बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. विशेषज्ञ इसे बिहार में कोरोना की तीसरी लहर मान रहे हैं. इसको लेकर बिहार आईएमए के अध्यक्ष ने एहतियात बरतने की बात कही है. पढ़ें रिपोर्ट...

बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार
बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार

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Published : Jan 4, 2022, 10:37 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञ इसे बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत (Third Wave Of Corona) बता रहे हैं. बिहार में कोरोना पॉजिटिव केस में बेहद तेजी से इजाफा हुआ है. बिहार आइएमए ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि दुनिया भर में ओमीक्रोन के मामले काफी बढ़े हैं. संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह वेरिएंट संक्रमण की सुनामी ला सकता है.

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'डब्ल्यूएचओ ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है. यह सही है कि पहले के वेरिएंट के मुकाबले इस वेरिएंट की घातकता कम है. इससे अब तक अधिक कैजुअलिटी और ऑक्सीजन सैचुरेशन में कमी के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन अभी इसकी विस्तृत स्टडी नहीं की गई है. वेरिएंट अधिक घातक नहीं है. इसका मतलब यह नहीं कि लोग लापरवाही बरतें. पुराने गाइडलाइंस को गंभीरता से पालन करने की जरूरत है.'-डॉ. अजय कुमार, अध्यक्ष, बिहार आईएमए

बिहार आईएमए ने गाइडलाइन फॉलो करने का दिया निर्देश

उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन वेरिएंट कितना कहर बरपाएगा, इसके बारे में अब तक अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता है. ऐसे में अनावश्यक घर से बाहर ना निकलें. जब जरूरी हो तभी घर के कोई बड़े सदस्य बाहर निकलें. बच्चों और बुजुर्गों को बेवजह घर से बाहर ना जाने दें. बेवजह की यात्रा से बचें और अभी कहीं टूर का प्लान है, तो स्थगित कर दें. आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि दुनिया में संक्रमण की तीसरी लहर आ गई है.

इसके पीछे यह समझ सकते हैं कि दुनिया के देशों में असामान्य वैक्सीनेशन की उपलब्धता बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि गरीब देशों में वैक्सीन की उपलब्धता उचित मात्रा में नहीं हो पाई. इस वजह से वायरस को म्यूटेंट होने का अवसर मिला. ओमीक्रोन जैसा वेरिएंट साउथ अफ्रीका जैसे अंडरडेवलप्ड देशों से ही शुरू हुआ. जो पूरी दुनिया में तीसरी लहर का कारण बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि जो लोग अब तक वैक्सीन नहीं लिए हैं, वे अपना वैक्सीनेशन कराएं और 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है, इस अभियान में तेजी लाई जाए. जल्द से जल्द इस ग्रुप के सभी बच्चों को वैक्सीनेट किया जाए, ताकि संक्रमण का खतरा उनसे कम हो सके.

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