पटना:कोरोना संकटकालमें धरती के भगवान भी खतरे में हैं. कोरोना से संक्रमित होने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सकों की मौत हुई है. ऐसे डॉक्टरों की तादाद भी काफी है जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लिये थे. संक्रमित होने के बाद उनकी मौत हो गई. बिहार में मरने वाले डॉक्टरों की संख्या सबसे ज्यादा है.
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चिकित्सकों की मौत के मामले में बिहार सबसे आगे
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान कुल 748 चिकित्सकों की मौत हुई थी. दूसरी लहर में अब तक 270 चिकित्सक अपनी जान गंवा चुके हैं. बिहार में यह आंकड़ा चौंका देने वाला है. चिकित्सकों की लगातार हो रही मौतों पर आईएमए ने चिंता जताई है. इसके लिए बिहार में 8 चिकित्सकों की टीम भी जांच के लिए गठित की गई है.
'बड़ी संख्या में हमारे साथियों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई है. यह दुखद है. मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं'.-सुभाष चंद्रा, निदेशक राजवंशी नगर अस्पताल
वहीं, उन्होंने कहा कि ज्यादातर चिकित्सक थोड़े लापरवाह हो जाते हैं. पेशेंट के साथ सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख पाते हैं. यह उनके स्वभाव के कारण होता है. प्रोटोकॉल का पालन कर हम संक्रमण से बच सकते हैं. वैक्सीनेशन ही एकमात्र विकल्प है. सबको वैक्सीन लगवाना चाहिए.
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स्वास्थ्य मंत्री के पास नहीं है ऑफिशियल जानकारी
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने यह सवाल पूछा कि बिहार में चिकित्सकों की मौत लगातार हो रही है. उनमें से ज्यादा ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थी है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी चिकित्सक संघ की ओर से नहीं दी गई है.