पटना:बिहार के 2011 बैच के आईएएस राहुल कुमार (IAS Rahul Kumar tweet his name plate). इनके पास कई विभागों की जिम्मेदारी है. ऐसे में एक कार्यक्रम के दौरान उन विभागों के नाम लिखने के लिए उनके ही नेम प्लेट पर जगह कम पड़ गई. जब कार्यक्रम में राहुल कुमार पहुंचे तो उनकी नजर नेम प्लेट पर पड़ी. इसके बाद उन्होंने नेम प्लेट की तस्वीर ली और उसे अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर दिया.
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नेम प्लेट पर विभाग के नाम कम पड़ गए :बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों समाधान यात्रा पर हैं. जिलों में जब मुख्यमंत्री का दौरा होता है तो उनका जीविका दीदियों से संवाद भी होता है. राहुल कुमार जीवकोपार्जन (जीविका) प्रोत्साहन सोसाइटी के सीईओ हैं. ऐसे में राहुल कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद रहते हैं. ऐसे ही एक कार्यक्रम में राहुल पहुंचे थे तो उनकी नजर अपने ही नेम प्लेट पर पड़ी. यकीनन नेम प्लेट देखकर उनकी हंसी छूटी होगी. उन्होंने ट्वीट कर फोटो शेयर किया और लिखा- एक जिले में मेरे पास जितने भी विभाग हैं, उसे लिखने की कोशिश की, लेकिन फिर भी एक चूक गए. मैं मिशन निदेशक @LSBA_Bihar (SBM-G) (लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान) के रूप में भी काम कर रहा हूं.
एक नाम छूट गया- मैं इस पद पर भी हूं :दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान आईएएस राहुल कुमार के पास उनका नेम प्लेट रखा गया था. उस पर लिखा था 'श्री राहुल कुमार, भा.प्र.से, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार ग्रामीण जीवकोपार्जन (जीविका) प्रोत्साहन सोसाइटी-सह-राज्य मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण जीविकोपार्जन सह आयुक्त स्व रोजगार/आयुक्त, मनरेगा/मिशन निदेशक, जल जीवन हरियाली, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार लिखा था.
यूजर ने लिखा - 'कितनी नाइंसाफी है' : अब इस आईएएस की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. कई यूजर्स आईएएस अधिकारी के ट्वीट पर कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- 'ग्रामीण इलाके के लिए आपका विभाग वरदान साबित होगा और हो भी रहा है. अगर नीचे के अधिकारी भी इतनी ही ईमानदारी से साथ और सहयोग करे तो बिहार विकास कर रहा है.' एक दूसरे यूजर ने लिखा- 'आपके कद और पद के मुकाबले हल्का फुल्का ही है.' एक और यूजर ने लिखा- 'बेरोजगारी अपने चरम की ओर अग्रसित है, और आप इतने पद लेकर बैठक करते हैं. बताईए, हर पद के लिए एक अलग इंसान होना चाहिए या नहीं...? कितना नाइंसाफी है युवाओं के साथ...!!
कौन हैं IAS राहुल कुमार: IAS राहुल कुमार बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं. राहुल को बचपन से ही IAS बनने का शौक था. 2010 में उन्होंने बतौर आईपीएस कार्यभार ग्रहण किया. लेकिन उसके बाद सिविल ससर्विसेज की तैयारी में उन्हें कामयाबी मिली और 2011 में आईएएस बनें. इनकी पहली पोस्टिंग पटना के दानापुर में एसडीएम के तौर पर हुई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एडिशनल डायरेक्टर का पद संभाला.
चैंपियन ऑफ चेंज से सम्मानित...राहुल कुमार : इसके बाद राहुल कुमार जिलाधिकारी बनकर गोपालगंज पहुंचे. यहां वे स्कूल में पहुंचे और एक विधवा के हाथों मिड डे मील का खाना बनवाया और उस खाने को जमीन पर बैठकर खुद खाया. जिसके बाद से राहुल कुमार चर्चा में आए. नीति आयोग की ओर से उन्हें बेगूसराय के समावेशी विकास के लिए चैंपियन ऑफ चेंज का अवार्ड भी दिया गया.