पटना:विश्व टीबी दिवस (World TB Day) की पूर्व संध्या स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि राज्य में टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है. बिहार स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि प्रदेश में टीबी उन्मूलन की दिशा में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके. इसके लिए 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस पर हमें संकल्प लेना होगा कि टीबी की रोकथाम के लिए हम मिलकर लड़ेंगे. जन आंदोलन से ही टीबी हारेगा, देश जीतेगा.
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'स्वास्थ्य कर्मियों का उल्लेखनीय योगदान':राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत साल 2021 में राज्य में काफी सराहनीय कार्य किए गए है. स्वास्थ्य कर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान देकर टीबी उन्मूलन लक्ष्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शाई है और यह सिलसिला लगातार जारी है. मंगल पांडे ने कहा कि साल 2021 में सरकारी अस्पतालों में 61916 यक्ष्मा के मरीज पाए गए हैं. निजी सेक्टर में पाए गए टीबी मरीजों की संख्या 70229 है. निक्षय पोषण योजना के तहत 2021 में 64275 रोगियों को पोषण प्रोत्साहन राशि ₹12 करोड़ उनके खातों में सीधे जमा किए गए हैं.
''495 टीबी सर्वाइवर को प्रशिक्षण देकर यक्ष्मा चैंपियन के रूप में नामित किया गया है. जिले के 14 जिलों में रोगियों को उपचार पूरा करने के लिए लगातार प्रेरित करने और समाज में टीबी रोगी के साथ भेदभाव या बहिष्कार करने जैसे मामलों में टीबी चैंपियन की भूमिका अहम साबित हो सकती है. अब तक 9500 टीबी रोगियों को परामर्श दिया गया है. 75 टीबी चैंपियन एंटी स्टिग्मा अभियान द्वारा समाज से टीबी में भेदभाव दूर करने में सहयोग कर लगभग 2800 लोगों को जागरूक किया है.''-मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
'जन आंदोलन से हारेगा टीबी': स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं सिविल सोसाइटी के माध्यम से कार्यक्रम को जन आंदोलन टीबी हारेगा देश जीतेगा के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से राज्य टीबी फोरम और 38 जिला टीबी फोरम का गठन किया जा चुका है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर स्तर पर रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग के लिए डिजिटल माध्यमों का क्रियान्वयन आयुष, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के साथ साथ प्रभावी समन्वय और सामुदायिक सहभागिता के लिए राज्य एवं जिला टीबी फोरम का गठन हुआ है. आईजीआईएमएस और पीएमसीएच समेत भागलपुर, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नोडल ड्रग रेजिस्टेंट टीबी सेंटर संचालित किए जा रहे हैं.
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