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ICMR के निर्देश पर बदला गया कोरोना टेस्ट प्रोटोकॉल, सभी DM को भेजे गये पत्र - New strategy of corona test

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से जिलों को जो पत्र भेजा गया है उसमें कहा गया है कि अगर कोरोना के वैसे पुष्ट मामले जिनके सीधे संपर्क में कोई नहीं आया हो या फिर आई रिस्क की श्रेणी वाला मामला नहीं है, वैसे लोगों को सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर की बजाय होम क्वॉरेंटाइन में रखें.

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Published : May 6, 2020, 10:50 PM IST

पटना: राज्य में बड़ी संख्या में प्रवासियों की घर वापसी को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश के बाद कोरोना जांच की नए सिरे से रणनीति बनाई है. साथ ही वैसे लोग जो कोरोना के हाई रिस्क वाले नहीं हैं या फिर किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं उन्हें अब सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर के बदले होम क्वॉरेंटाइन में भेजने की रणनीति बनाई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों, सभी सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और अस्पताल अधीक्षकों को फैसले से अवगत कराने के लिए पत्र जारी किया गया है. स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को कोरोना जांच की नए सिरे से रणनीति बनाने का निर्देश दिया था. काउंसिल का निर्देश था कि सिर्फ वैसे लोगों के सैंपल लिए जाएं जिनमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हों.

स्वास्थ्य विभाग का आदेश

सरकारी की बजाय होम क्वॉरेंटाइन
इसके अलावा जिस व्यक्ति का सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाया गया हो उसके संपर्क में आए लोगों के सैंपल भी लेने के निर्देश आइसीएमआर ने दिए हैं. वैसे लोग जो संक्रमितों के संपर्क में तो आए हों, लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं, उनके सैंपल 5वें से 14वें दिन लेने का निर्देश दिया गया है. अगर किसी व्यक्ति में बुखार, गले में खराश, कफ, नाक बहने और सांस लेने में समस्या हो, वैसे लोगों के सैंपल बीमारी के सात दिन के अंदर लेने के निर्देश भी राज्य सरकार को दिए गए हैं. आइसीएमआर के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने जांच की बदली रणनीति से जिलों को अवगत करा दिया है.

स्वास्थ्य सचिव ने जिलों को भेजा पत्र
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से जिलों को जो पत्र भेजा गया है उसमें कहा गया है कि अगर कोरोना के वैसे पुष्ट मामले जिनके सीधे संपर्क में कोई नहीं आया हो या फिर आई रिस्क की श्रेणी वाला मामला नहीं है, वैसे लोगों को सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर की बजाय होम क्वॉरेंटाइन में रखें. अगर होम क्वॉरेंटाइन में रहने के क्रम में उनके अंदर कोरोना के लक्षण पाए गये तो उनके सैंपल लिए जायेंगे.

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