पटना:बिहार विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रारंभ से ही जाति आधारित जनगणना कराने की वकालत करते रहे हैं.
प्रस्ताव पर केंद्र से मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव रखा था, जिसे गुरुवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इसकी घोषणा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में की. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि 2021 में जनगणना जाति आधारित हो. मुख्यमंत्री लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं.
'जातिगत जनगणना बिहार की जरूरत'
बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि इससे पहले भी विधानसभा से ऐसा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. वहीं, जेडीयू नेता और विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा है कि जातिगत जनगणना बिहार की जरूरत है.
बीजेपी का मिला समर्थन
मंत्री जय कुमार सिंह का कहना है कि जनगणना होने के बाद ही सरकार ही जाति विशेष के लोगों के लिए नीति बना सकती है और उनके उत्थान के लिए काम किया जा सकता है. वहीं, बीजेपी नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि अगर सदन ने इसे पारित किया है तो हमारा समर्थन है. बीजेपी पहले से इसके पक्ष में थी कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए.
जय कुमार सिंह, विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री लालू यादव शुरू से करते थे मांग- आरजेडी
इधर, आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, 'पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुरू से ही जतिगत जनगणना की मांग करते रहे हैं, आज बिहार विधानसभा में विपक्ष की मांग के सामने सत्ता पक्ष को झुकना पड़ा और इस मुद्दे पर उन्हें प्रस्ताव पास करना पड़ा.' इसके अलावा आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा है कि विपक्ष के दबाव में सरकार को जातिगत जनगणना पर प्रस्ताव पारित करना पड़ा. उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है और अब दोनों को मिलकर प्रस्ताव को मूर्त रूप देना चाहिए.
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एनपीआर का प्रस्ताव पारित
दरअसल, इससे पहले मंगलवार को बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू नहीं करने तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में एक संशोधन के साथ वर्ष 2010 के प्रारूप में ही लागू करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था.