पटना: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बिहार के मजदूरों से तमिलनाडु में मारपीटके मुद्दे पर अपनी चिंताओं को फोन के जरिए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के सामने रखा. इस दौरान दोनों राज्यों को राज्यपाल ने अपनी चिंताओं को साझा किया. गवर्नर आरएन रवि ने अर्लेकर को आश्वस्त किया कि तमिलनाडु में सरकार इस मुद्दे पर काफी गंभीर है. बिहार से आई 4 सदस्यीय टीम को प्रदेश में सहयोग दिया जा रहा है.
'तमिलनाडु में सब सुरक्षित हैं': तमिलनाडु के राज्यपाल ने बिहार के गवर्नर को बता कि वहाँ रह रहे बिहार के लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनके परिजनों को इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. तमिलनाडु की सरकार और प्रशासन पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है. बिहार के प्रवासी मजदूर खुद को असुरक्षित महसूस न करें.
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तमिलनाडु में 4 सदस्यीय टीम कर रही जांच: बता दें कि बिहार से 4 सदस्यीय जांच टीम तमिलनाडु में जांच कर रही है. जांच टीम ने वीडियो को फर्जी पाया था. टीम के सदस्यों ने इस संदर्भ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी थी कि वायरल हो रहे ज्यादातर वीडियो फेक हैं. उनका तमिल और प्रवासी मजदूरों के संघर्ष से कोई वास्ता नहीं है. लेकिन इस मामले में गलत वीडियो वायरल कर ऐसा माहौल फैलाया गया जैसे कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ ज्यादती हो रही हो.
वायरल वीडियो पर होने लगी गिरफ्तारी: इस मामले में बिहार पुलिस ने जमुई के एक युवक को उठाया है. तमिलनाडु मामले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने एक विशेष टीम बनाकर कुल 30 वीडियो को चिन्हित किया है. भ्रामक खबर फैलाने के आरोप में जमुई के युवक को गिरफ्तार किया है. पुलिस मुख्यालय ने बताया कि फेसबुक पर कुल 9 पोस्ट, ट्विटर पर 15 और यूट्यूब पर 15 और जीमेल पर 3 वीडियो लिंक पाये गये हैं. जिसमें यह पता चला है कि इस भ्रामक खबर को फैलाने की कोशिश की गई है. आर्थिक अपराध इकाई वीडीयो को प्रिजर्व करके रखेगा ताकि डिलीट करे पर भी उसपर कार्रवाई की जा सके.
चिराग पासवान ने भी तमिलनाडु राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन: इस मामले में चिराग पासवान भी तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को ज्ञापन सौंप चुके हैं. उन्होंने अपने ज्ञापन के माध्यम से तमिलनाडु सरकार से आग्रह किया है कि आरोपों पर सच्चाई हो तो दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. चिराग कह चुके हैं कि इस वाकये से बिहार के प्रवासी मजदूर डरे हुए हैं.