पटना:बिहार में विधानमंडल का बजट सत्र शुरू होने वाला है. प्रदेश वासियों को इस बजट सत्र से काफी उम्मीदें हैं. कोरोना काल में लागू हुए लॉकडाउन से सूबे के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दूसरी तरफ सरकार को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. राज्य की अर्थव्यवस्था भी बेपटरी हो चुकी है, जिसे वापस पटरी पर लाना सरकार के लिए चुनौती होगी. इसके लिए सरकार इस बार टैक्स में वृद्धि कर सकती है. बिहार सरकार के राजस्व का बड़ा स्रोत खान और भूतत्व विभाग है. बिहार में 2016 से शराब बंदी है, जिसके चलते शराब से आने वाला राजस्व बंद हो गया है. अब खान एवं भूतत्व विभाग से आने वाला राजस्व सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है.
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अवैध बालू खनन पर लगाऊंगा रोक
खान एवं भूतत्व विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती बालू और पत्थर की अवैध खुदाई है. इससे सरकार को मिलने वाले राजस्व का नुकसान होता है. इस संबंध में बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता अवैध बालू खनन पर रोकथाम है. मैंने इसके लिए समीक्षा बैठक की है. संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली है. मुझे पूरा विश्वास है कि अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगा पाऊंगा. यह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा.
जाति देख काम करते हैं मुख्यमंत्री
मंत्री जनक राम के बयान पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा "बिहार सरकार ने राजस्व आने वाले सभी विभागों को तहस-नहस कर दिया है. बिहार में शराबबंदी के बावजूद खुलेआम शराब बिक रहा है, जिसका फायदा दूसरे राज्य उठा रहे हैं. बालू नीति में भारी असमंजस है. सरकार में बैठे लोग और अधिकारी मालामाल हो रहे हैं.
"नीतीश कुमार जाति देखकर काम करते हैं. उन्हें पता है कि बालू घाटों और ट्रांसपोर्ट का टेंडर कुछ खास जाति के लोग करते हैं, जिस वजह से वे हमेशा इसपर बिजली गिराने का काम करते हैं. नीतीश कुमार पहले कहते थे कि शराबबंदी के राजस्व से बिहार के बच्चों को साइकिल और पोशाक प्राप्त होता है. उसे भी उन्होंने खुद के एगो की वजह से बंद कर दिया है. इसका गलत परिणाम बिहार में देखने को मिल रहा है. बिहार में खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है. बिहार सरकार को राजस्व भी नहीं मिल रहा है. इस बजट में कुछ खास नहीं होने वाला है."- शक्ति सिंह यादव, राजद प्रवक्ता
19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा करना है पूरा
राज्य सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव में 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. इस वादे को पूरा करने में होने वाले खर्च का इंतजाम भी इसी वित्तीय वर्ष में सरकार को करना है. इस वजह से परिवहन, पथ और खान एवं भूतत्व विभाग पर सरकार की नजर रहेगी. खान एवं भूतत्व विभाग वित्तीय वर्ष 2007-2008 से लगातार राजस्व में बढ़ोतरी कर रहा है.
पत्थर खनन के लिए 4 पट्टे बिहार लघु खनिज समनुदान नियमावली 1972 के नियमों के अनुसार पूर्व के स्वीकृत हैं. नए बंदोबस्ती के क्रम में अब तक बिहार के 6 जिले (गया, नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद, बांका और कैमूर) में 33 पत्थर खनन पट्टों की लोक नियमावली के माध्यम से बंदोबस्ती की गई है. 5 साल के लिए बंदोबस्ती राशि 755.5 लाख रुपए है.
खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा पंचांग वर्ष के आधार पर जिला वार एक इकाई के रूप में लोक नियमावली के माध्यम से बालू घाटों की बंदोबस्ती की जाती है. नई बालू नीति में संशोधन नियमावली निहित प्रावधानों के अनुसार पटना, भोजपुर और सारण को एक इकाई, रोहतास व औरंगाबाद को एक-एक इकाई और जमुई एवं लखीसराय जिले को एक इकाई के रूप में बंदोबस्ती का प्रावधान किया गया है. बिहार में 29 जिले में बालू खनन होता है. ईंट निर्माण के लिए बिहार में 2015-16 में विभिन्न जिलों में अस्थाई ईट चिमनी का निर्माण किया गया, जिससे 4295.60 लाख रुपए राजस्व प्राप्त हुआ.
अवैध खनन रोकने के लिए छापेमारी कर रहा टास्क फोर्स
अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए प्रत्येक जिला में टास्क फोर्स गठित है. टास्क फोर्स द्वारा नियमित रूप से छापेमारी की जाती है. 2016-2017 के फरवरी 2017 तक 2968 छापेमारी की गई है. 2018 गिरफ्तारी की गई है और 1318.53 लाख रुपए अर्थ दंड के रूप में वसूल किए गए. बिहार में खान एवं भूतत्व विभाग अवैध खनन और परिवहन को लेकर सक्रिय नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले अधिकारियों के अलग-अलग दस्ते ने पटना व औरंगाबाद में बालू के अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसमें दो कंपनियों से तकरीबन 35 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया.