पटना:बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विधानमंडल के आगामी सत्र में सरकार काष्ठ आधारित उद्योगों के विनियमित करने के लिए एक नया विधयेक लाएगी.
काष्ठ उद्योग के लिए रियायत पर विचार
उन्होंने कहा कि अन्य उद्योगों की तरह काष्ठ उद्योग स्थापित करने वालों को भी रियायत देने पर विचार किया जा रहा है. इस साल बजट के पूर्व परिचर्चा की पहली बैठक में वन, वानिकी एवं पर्यावरणीय प्रक्षेत्र से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के सुझाव सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधानमंडल के आगामी सत्र में काष्ठ आधारित उद्योगों को विनियमित करने के लिए सरकार एक नया विधेयक ला रही है.
पौधारोपण का लक्ष्य
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2005-06 में वन विभाग का बजट जहां मात्र 50 करोड़ रुपये था वहीं 2019-20 में 911 करोड़ रुपये हो गया है. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले तीन साल में वन विभाग की ओर से 2,756 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे एवं 7.70 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है.'
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परिपक्व पेड़ों को दूसरे राज्यों में ले जाने पर सहूलियत
मोदी ने कहा कि कृषि वानिकी के तहत 2012-18 के बीच बिहार में पोपुलर और अन्य प्रजातियों के 8.46 करोड़ पौधे लगाए गए हैं. पोपुलर के परिपक्व पेड़ों को खरीद कर दूसरे राज्यों में ले जाने वालों को सरकार आवश्यक सहूलियत देगी. बिहार में जैव विविधता बोर्ड के साथ ही विगत साल 27 दिसंबर को पांच हजार से ज्यादा पंचायतों में उसकी प्रबंधन समिति गठित कर ली गई है.