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Tamil Nadu violence: तमिलनाडु की घटना पर बिहार सरकार गंभीर, आर्थिक अपराध इकाई ने चार लोगों पर दर्ज किया केस

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित तौर पर मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया है. सोशल मीडिया के जरिए भ्रम फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को लेकर बिहार सरकार सख्त है आर्थिक अपराध इकाई ने केस दर्ज (Economic Offenses Unit registered case) किया है. साथ ही वैसे तत्वों को चिह्नित कर लिया है और असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने की तैयारी पूरी कर ली गई है.

तमिलनाडु की घटना पर बिहार सरकार गंभीर
तमिलनाडु की घटना पर बिहार सरकार गंभीर

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Published : Mar 9, 2023, 7:57 PM IST

तमिलनाडु की घटना पर बिहार सरकार गंभीर

पटना: तमिलनाडु मामले को लेकर बिहार सरकार गंभीर (Bihar government strict on Tamil Nadu violence) है. इस मामले में बिहारी मजदूरों के साथ कथित मारपीट मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक सूचनाएं लोगों तक पहुंचाई गई. बिहार और तमिलनाडु राज्य के बीच कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई. बिहार से अधिकारियों की टीम को तमिलनाडु भेजा गया. इन सबके बीच सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोग लगातार भ्रामक वीडियो फोटो और सूचनाओं के जरिए लोगों को भड़काने में लगे थे. बिहार सरकार ने ऐसे लोगों को चिह्नित करने के आदेश दिए.

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चार लोगों को किया गया चिह्नितः आर्थिक अपराध इकाई ने पूरे मामले की जांच शुरू की और 4 मार्च 2023 को सनहा दर्ज किया गया. जांच के बाद 5 मार्च 2023 को आर्थिक अपराध इकाई ने प्राथमिकी दर्ज की. चार ऐसे तत्वों को जांच एजेंसी ने चिह्नित किया जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को या तो भड़का रहे थे या भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे थे. चारों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. सोशल मीडिया पर सक्रिय मनीष कश्यप, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और अमन भीम आर्मी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अमन भीम आर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और राकेश तिवारी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.

इन वीडियो के जरिये फैला भ्रम

मनीष कश्यप के खिलाफ तामिलनाडु में भी एफआईआरः सोशल मीडिया पर सक्रिय मनीष कश्यप की तलाश आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कराया है. बता दें कि मनीष कश्यप के खिलाफ अब तक कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें कि 10 मामले बिहार में दर्ज हुए हैं. पुलिस मनीष कश्यप के आपराधिक रिकॉर्ड और केस स्टेटस को खंगाल रही है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर सक्रिय 14 टि्वटर हैंडल, सात फेसबुक यूजर और पांच यूट्यूब पर मामला दर्ज किया गया है. आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पुलिस जांच कर रही है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 468 , 471, 153 ,153a, 153b, 505 1b, 505 1B, 120b और 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है.

सोशल मीडिया के जरिए पैदा हुआ तनावःसोशल मीडिया के जरिए भ्रम की स्थिति पैदा हुई और तनाव का माहौल बना दिया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि त्रिपुर की 70% मिले बंद हो गई. दोनों राज्यों में विधि व्यवस्था की समस्या जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. सरकार ने ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने का फैसला लिया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक स्पीडी ट्रायल के जरिए दोषियों को सजा बुलाई जाएगी और उसके लिए स्पेशल पीपी भी नियुक्त किए जाएंगे. जांच एजेंसी कई स्तर पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. सोशल मीडिया पर जहां अकाउंट सीज कर आने की तैयारी है तो दूसरी तरफ संपत्ति जब्ती को लेकर भी पहल की जा सकती है.

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