कोरोना संकट में एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर ब्रेक, सरकार ने तय किया रेट कार्ड
ऑक्सीमीटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन जैसी चीजों की कालाबाजारी से लोगों ने लूट मचा रखी है. एंबुलेंस चालकों ने तो मानवता को तार-तार कर देने की कसम खा रखी है. मरीज को घर से अस्पताल पहुंचाने का खर्च ही हजारों में पहुंचा जा रहा है. ऐसे में अब सरकार ने एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर ब्रेक लगा दिया है. देखें रिपोर्ट
पटना
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Published : May 6, 2021, 8:51 AM IST
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Updated : May 7, 2021, 6:53 AM IST
पटना: बिहार में कोरोना कहर बरपा रहा है. दवा से लेकर एंबुलेंस सेवा तक में कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं. कहीं रेमिडेसिविर दवा जिसकी कीमत महज 1000 रुपये है. वह 10 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक बेची जा रही है. वहीं अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक भी मनमाना पैसा वसूल कर रहे हैं.
देखें रिपोर्ट
एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार ने किराया निर्धारित कर दिया है. इससे अधिक किराया लेने के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एंबुलेंस के दर निर्धारण के लिए स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग ने एक समिति गठन की. जिसमें राज्य भर में चलने वाले निजी एंबुलेंस सेवा के दर का निर्धारण किया गया.
वहीं, निजी एंबुलेंस चालकों से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सरकार द्वारा जारी तय रेट पर सेवा देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आज मानवता को सेवा की जरूरत है. इसलिए निजी एंबुलेंस चालक कोरोना पीड़ितों से सरकार द्वारा जारी तय रेट ही लें.
बिहार सरकार ने लागू की नयी दर
'स्वास्थ विभाग और परिवहन विभाग ने मिलकर भाड़ा निर्धारित कर दिया है. अलग-अलग वाहनों के लिए दूरी के हिसाब से भाड़ा तय किया है. आप वही पैसा कोरोना के मरीजों से ले. आप कोरोना मरीजों की मदद करें. यह मेरा आप सभी से सादर अपील है'.- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार