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Bihar Politics: 'बाबा बागेश्वर की लोकप्रियता से डर गई है बिहार सरकार'- गिरिराज सिंह - Bihar government scared of Baba Bageshwar

बाबा बागेश्वर 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक गया के पितृ पक्ष मेले में रहेंगे. इस दौरान वो पिंडदान करेंगे. उन्होंने खुद एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी. हालांकि वो इस दौरान दिव्य दरबार नहीं लगाएंगे. बाबा बागेश्वर को गया में दरबार लगाने की इजाजत नहीं मिली है. इस पर राजनीति शुरू हो गयी है. गिरिराज सिंह ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पढ़ें, विस्तार से.

बाबा बागेश्वर
बाबा बागेश्वर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 17, 2023, 10:43 PM IST

गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री.

पटना: बाबा बागेश्वर उर्फ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वो गया में पिंडदान करने आ रहे हैं. इस दौरान उन्हें गया में दिव्या दरबार लगाने की इजाजत नहीं मिली है. बिहार सरकार के फैसले पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं.

इसे भी पढ़ेंः Baba Bageshwar : गया में पिंडदान करने आएंगे बाबा बागेश्वर, लेकिन नहीं लगाएंगे दिव्य दरबार, जारी किया VIDEO

"बिहार सरकार बाबा बागेश्वर से डर गई है. उनकी लोकप्रियता से घबराकर सरकार कार्यक्रम की इजाजत नहीं दे रही है. नौबतपुर में बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम में लोगों की जो भीड़ उमड़ी थी उससे बिहार सरकार डर गयी है. बिहार सरकार अति पिछड़ा विरोधी है हिंदू विरोधी है. नीतीश कुमार सिर्फ जाति-पाति में बांट कर शासन करना जानते हैं."-गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री

बाबा बागेश्वर के गांव के लोग उड़ीसा भवन पहुंचते हैं : बाबा बागेश्वर के गांव के लोगों का पिंडदान से जुड़ाव गया में स्थित उड़ीसा भवन से है. बाबा बागेश्वर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव से जुड़े हैं. वहीं, गयापाल पंडा गजाधर लाल कटारिया की मानें, तो छतरपुर के गढ़ा गांव के सारे जजमान उन्हीं के यहां आते हैं. इस गांव के सारे तीर्थयात्री उड़ीसा भवन ही आते हैं और अभी वर्तमान में गजाधर लाल कटारिया के द्वारा ही इस जिला इस गांव के तीर्थ यात्रियों के पितरों के नाम कराए जाने वाले पिंडदान कर्मकांड कराए जाते हैं.

गया का उड़ीसा भवन हुआ चर्चित: जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक वे गया में रहेंगे. इस दौरान वे अपने पितरों का पिंडदान का कर्मकांड करेंगे. वहीं, बताया जाता है कि वह विष्णुपद मंदिर में भगवान श्री हरि के दर्शन के अलावे मंगला गौरी और बोधगया महाबोधी मंदिर भी जाकर भगवान बुद्ध को नमन करेंगे.

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