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...तो इस बार भी तबाही मचाएगी बाढ़, कैसे बचाएंगे लोगों को बिहार के 'मुखिया'?

बिहार में मॉनसून के आगमन के साथ ही बाढ़ की संभावना दिखने लगी है. इसे देखते हुये सरकार अपनी तरफ से पूरी तैयारी के दावे कर रही है. बिहार सरकार ने बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुये 7200 करोड़ रुपये का पैकेज जारी कर दिया है.

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बाढ़ से लड़ने की तैयारी

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Published : Jun 16, 2020, 6:27 AM IST

पटना: बिहार के लिये बाढ़ एक ऐसी सच्चाई बन गई है, जिसे आज के समय में हर बिहारी अपनी नीयति मान चुका है. जून के महीने से शूरू होने वाली मॉनसूनी बारिश के साथ बिहार के लोगों के माथे पर बल पड़ने लगता है.

मानसून बिहार में आता तो खुशियों के साथ है लेकिन जो कुछ दे कर जाता है उससे भीषण तबाही मचती है. अब एक बार फिर से मॉनसून बिहार में दस्तक दे चुका है. ऐसे में सरकार की तरफ से भी बाढ़ पूर्व तैयारी के रूप में कई काम किये जा रहे हैं.

हर साल बाढ़ से हजारों लोग विस्थापित
बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ के कारण हजारों लोग विस्थापित होते हैं, सैकड़ों की मौत होती है, घर बार भी बह जाते हैं लेकिन पिछले 4 दशक से बाढ़ की इस त्रासदी को झेल रही बिहार की जनता को सरकारें अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं दे पाई.

देखें विशेष रिपोर्ट

7200 करोड़ रुपये का पैकेज
बिहार में बाढ़ आने से पहले जो तैयारी की गई है, उसमें बिहार सरकार ने बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए 7200 करोड़ रुपये का पैकेज जारी कर दिया है. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि इस साल भी सरकार अपनी तरफ से पूरी तरह मुस्तैद है. सभी जिलों में हर स्तर पर सभी विभाग तैयार हैं.

तटबंधों की मरम्मत

बाढ़ नियंत्रण के उपाय
बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए अनेक उपाय काम मे लाये जाते हैं जिनमें ढालू भूमि पर वृक्षारोपण, नदी तटबंधों का निर्माण जल निकासी का प्रबंध, जलाशयों का निर्माण नदियों के प्रवाह क्षमता में विस्तार आदि प्रमुख है.

तटबंधों की मरम्मती

आइये डालते हैं इस साल की बाढ़ पूर्व तैयारियों पर एक नजर:

⦁ बाढ़ प्रभावित संभावित जिलों के लिये NDRF/SDRF की तैनाती.

⦁ कटाव रोकने के लिए तटबंधों के मरम्मती का काम पूरा.

⦁ वर्षा मापक यंत्रों को ठीक करने के आदेश.

⦁ जिलों के बाढ़ आश्रय स्थल और अन्य ऊंचे जगहों को चिन्हित करने का काम पूरा.

⦁ राज्य खाद्यान निगम को सभी जिलों में खाद्यान भंडारण करने के निर्देश.

⦁ बाढ़ के समय खोज व बचाव सभी जिलों में प्रखंडवार प्रशिक्षित गोताखोरों को तैयारी पूरी.

⦁ बारिश और बाढ़ के दौरान नाविकों और नावों की तैयारी.

⦁ सभी मोटर बोट्स की मरम्मती का काम पूरा.

⦁ बाढ़ आपदा राहत के लिये जिलेवार कंट्रोल रुम में सभी महत्वपूर्ण जानकारी रखने के आदेश.

टूटते तटबंध की मरम्मती कब?
इसके अलावा इस साल बाढ़ से बचाव के लिए राज्य सरकार ने सारे संवेदनशील स्थलों को दुरुस्त करने का फैसला किया. जल संसाधन विभाग ने 120 संवेदनशीन स्थानों की पहचान कर उनकी मरम्मत पर काम शुरु किया. विभाग ने इसके लिए 606 करोड़ की मंजूरी दी. इसमें तटबंधों को सुदृढ़ बनाने, उन्हें ऊंचा करने और पिछले साल हुए कटाव को दुरुस्त करना था. इन स्थानों को 15 मई तक दुरुस्त कर लेना था.

बाढ़ पूर्व तैयारी

बाढ़ पूर्व सरकार के दावे
सरकारी दावों मे तैयारी तो दिखती है. लेकिन सालों से चली आ रही समस्या पर सरकार के तमाम दावों के बावजूद हालात जस के तस हैं. इस साल के लिये भी मौसम विभाग ने बाढ़ की चेतावनी पहले ही दे दी है. अगर मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक ही बारिश हुई तो इस साल भी बिहार के लोगों को बाढ़ की विभीषिका झेलने को तैयार रहना होगा.

बाढ़ में रेस्क्यू करती NDRF/SDRF की टीमें

पिछले साल भी सरकार ने किया था दावा
बता दें कि हर साल बाढ़ को लेकर सरकार अपनी तैयारियों के दावे करती है, लेकिन इन तैयारियों की असलियत बाढ़ की त्रासदी आने के बाद पता चलती है. पिछले साल भी सरकार ने तैयारी का दावा किया था, लेकिन 2019 में बाढ़ से हुए नुकसान ने सरकारी योजनाओं की पोल खोलकर रख दी थी.

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