पटना: बिहार के लिये बाढ़ एक ऐसी सच्चाई बन गई है, जिसे आज के समय में हर बिहारी अपनी नीयति मान चुका है. जून के महीने से शूरू होने वाली मॉनसूनी बारिश के साथ बिहार के लोगों के माथे पर बल पड़ने लगता है.
मानसून बिहार में आता तो खुशियों के साथ है लेकिन जो कुछ दे कर जाता है उससे भीषण तबाही मचती है. अब एक बार फिर से मॉनसून बिहार में दस्तक दे चुका है. ऐसे में सरकार की तरफ से भी बाढ़ पूर्व तैयारी के रूप में कई काम किये जा रहे हैं.
हर साल बाढ़ से हजारों लोग विस्थापित
बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ के कारण हजारों लोग विस्थापित होते हैं, सैकड़ों की मौत होती है, घर बार भी बह जाते हैं लेकिन पिछले 4 दशक से बाढ़ की इस त्रासदी को झेल रही बिहार की जनता को सरकारें अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं दे पाई.
7200 करोड़ रुपये का पैकेज
बिहार में बाढ़ आने से पहले जो तैयारी की गई है, उसमें बिहार सरकार ने बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए 7200 करोड़ रुपये का पैकेज जारी कर दिया है. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि इस साल भी सरकार अपनी तरफ से पूरी तरह मुस्तैद है. सभी जिलों में हर स्तर पर सभी विभाग तैयार हैं.
बाढ़ नियंत्रण के उपाय
बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए अनेक उपाय काम मे लाये जाते हैं जिनमें ढालू भूमि पर वृक्षारोपण, नदी तटबंधों का निर्माण जल निकासी का प्रबंध, जलाशयों का निर्माण नदियों के प्रवाह क्षमता में विस्तार आदि प्रमुख है.
आइये डालते हैं इस साल की बाढ़ पूर्व तैयारियों पर एक नजर:
⦁ बाढ़ प्रभावित संभावित जिलों के लिये NDRF/SDRF की तैनाती.
⦁ कटाव रोकने के लिए तटबंधों के मरम्मती का काम पूरा.
⦁ वर्षा मापक यंत्रों को ठीक करने के आदेश.