पटनाः बिहार में साल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है. लेकिन बिहार में ना तो शराब पीनी बंद हुई और ना ही इसका कारोबार. बिहार में नीतीश सरकार लोगों के लिए शराब का विकल्प लेकर आई है. शराब की जगह राज्य सरकार अब नीरा को प्रोत्साहन देने में जुटी है. राजधानी पटना में एक साथ बड़े पैमाने पर नीरा केंद्र (Bihar Government Open 51 Neera Sales Center In Patnat) खोलने की योजना है. अप्रैल के पहले सप्ताह से पटना जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ 51 केंद्रों पर नीरा की बिक्री शुरू कर दी जाएगी. कुछ स्थानों पर नीरा की बिक्री शुरू भी हो चुकी है और लोग इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं.
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प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्रः जिला प्रशासन से मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के नगर निगम क्षेत्र में 7 जगहों पर इसे खोला जाएगा. जिसमें संजय गांधी जैविक उद्यान गेट संख्या एक, गेट संख्या दो, मीठापुर, गांधी मैदान के उद्योग भवन, सगुना मोड़, चक बैरिया बस स्टैंड के पास नीरा बिक्री केंद्र खोले जाने की सहमति बनी है. जबकि प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्र शुरू किए जाएंगे. इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र में 7 होंगे. पटना जिला के हर प्रखंड में औसतन 203 बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. राजधानी पटना के चिड़ियाखाना के गेट नंबर 2 के पास नीरा काउंटर खुल चुका है, जिस पर औसतन 40 से 50 लीटर प्रतिदिन नीरा की बिक्री हो रही है.
प्रति लीटर 20 रुपये की कमाईःराजधानी पटना जू स्थित नीरा काउंटर पर लोगों को इसके फायदे बताने लिए फ़्लेक्स लगाया गया है. नीरा काउंटर चलाने वाले जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी अच्छी खासी सेलिंग हो रही है. वह रोजाना 40 से 50 लीटर नीरा बेच देते हैं. 50 लीटर के हिसाब से वो खजूर के पेड़ से इसका रस लेकर आते हैं, लाने में 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खर्च बैठता है, वो प्रति लीटर 20 रुपये की कमाई करते हैं. उन्होंने बताया कि नीरा आम लोगों के स्वास्थ्य और पेट के लिए काफी फायदेमंद है. जिस वजह से राज्य सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ एंप्लॉयमेंट पर भी ध्यान दे रही है.
नीरा का सेवन करने वाले अखिलेश सिंह का कहना है कि नीरा का स्वाद काफी अच्छा है. यह शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद है, इससे कई तरह के फायदे शरीर को पहुंच रहे हैं, जिस वजह से हम लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं. उन्होंने कहा कि मीठा होने की वजह से ये शुगर पेशेंट के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है. राज्य सरकार कहीं ना कहीं शराबबंदी के बाद समाज को रोजगार देने के लिए नीरा के उत्पादन पर जोर दे रही है.