पटना:बिहार में कोरोना महामारी के कारण 15 मई तक लॉकडाउन है. वहीं, अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं. इन लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार रोजगार सृजन करने में जुटी है. इसी कड़ी में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सड़क निर्माण में प्रतिदिन 10 हजार लोगों को रोजगारदेने का प्रयास किया जा रहा है.
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ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि राज्य में करीब 21 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें प्रतिदिन 10 हजार लोग कामकर सकेंगे. वहीं, पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण लंबित कामों का निष्पादन करने के लिए 15 दिनों का वक्त बढ़ा दिया गया है. पिछले वर्ष लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य लंबे समय तक बाधित रहा और कई योजनाओं में काम करने के लिए ठेकेदार तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे. इसके कारण काम नहीं हो सका. अब वो काम हो रहे हैं और इसकी समय सीमा बढ़ा दी थी गई है.
पंकज कुमार पाल, सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग सड़क निर्माण की मांग गई जानकारी
इसके अलावा पंकज कुमार पाल ने बताया कि अभी किसी भी प्रमंडल से राशि सरेंडर नहीं किया गया है. संवेदकों को राशि खर्च करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सभी संवेदकों से काम होने वाली सड़कों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी गई है. गौरतलब है कि राज्य के अधिकांश प्रमंडलों में काम नहीं होने के कारण राशि बची रह गई. करीब 500 करोड़ रुपये का काम बाधित रहा है.
सड़कों की सूची प्रकाशित करने के निर्देश
ग्रामीण कार्य विभाग ने कार्यपालक और अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया है कि सड़कों की सूची अविलंब प्रकाशित करें. सड़क का निर्माण अभी किस चरण में है और कौन सी एजेंसी उसका निर्माण कर रही है. साथ ही ठेकेदारों के नाम और संपर्क नंबर बोर्ड पर लिखें. बनने वाली सड़कों में कितने लोगों को रोजगार मिल सकता है, वह भी जानकारी दी जाए. ग्रामीण सड़क योजना में रोजगार के लिए किस तरह के लोगों की जरूरत है, इसको लेकर सभी इलाके में प्रचार-प्रसार भी किए जाएं. ताकि अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंचे और उन्हें रोजगार मिल सके.
मजदूरों को रोजगार देने के लिए उच्च-स्तरीय बैठक
सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क और प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना सहित अन्य योजनाओं से जो भी सड़कें बन रही है, उसकी सूची प्रकाशित की जा रही है. श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभाग की ओर से लगातार उच्च स्तरीय बैठक की गई है. इस मामले पर ग्रामीण विकास विभाग ने मुख्यमंत्री के समने प्रस्तुतिकरण भी दिया है.