पटना: बीते तीन माह के दौरान बिहार के 26 जिलों के 69 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ (Bihar Flood) से प्रभावित हुई. लाखों किसानों की फसलें नष्ट हो गईं. वहीं, खेत में पानी भर जाने के चलते लाखों किसान धान की फसल नहीं लगा पाए. बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई में अब बिहार सरकार (Bihar Government) मिशन मोड में जुट गई है. मुंगेर में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पश्चिम चंपारण में सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन और इसी तरह सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में डीएम के साथ बैठक कर रहे हैं.
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प्रभारी मंत्री जिले के डीएम के साथ दो दिन बैठक करेंगे और बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करेंगे. बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान के आंकलन के लिए सभी जिलों के डीएम को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. जिले के प्रभारी मंत्री डीएम के साथ बैठक कर आंकलन कर रहे हैं कि किसानों को बाढ़ से कितनी क्षति हुई है और उन्हें कितना मुआवजा दिया जाना चाहिए.
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि दो दिनों के अंदर सभी जगह बैठक कर रिपोर्ट तैयार किया जाए. इसके पीछे वजह यह थी कि पिछले दिनों सीएम ने बाढ़ की समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई विभाग ने जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान का जो आंकड़ा दिया था उसमें भारी अंतर था. इसके चलते नीतीश ने बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.