पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला हुआ है, तो वहीं हर साल आने वाली बाढ़ भी कहर मचा रही है. जहां मानसून के कहर से अगस्त में राहत जरूर मिली. लेकिन बाढ़ के हालात से निजात नहीं मिली है. प्रदेश के कई जिले अभी भी बाढ़ से बेहाल हैं. प्रदेश के करीब 20 जिलों में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है. भारी-बारिश और बाढ़ से बिहार में करीब 33 फीसदी फसल को नुकसान का अनुमान है.
बिहार में बीते सप्ताह तक 32.59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी, जबकि प्रदेश के किसानों ने मक्के की बुवाई 3.92 लाख हेक्टेयर में की है. ये आधिकारिक आंकड़े प्रदेश के कृषि विभाग से मिले हैं. आंकड़ों के अनुसार, बिहार में चालू खरीफ सीजन में 92,000 हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है जबकि तिलहनों की बुवाई 80,000 हेक्टेयर में हुई है.
बारिश से 33 फीसदी खरीफ फसलों का नुकसान
विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश के चलते करीब 33 फीसदी खरीफ फसलों का नुकसान होने का अनुमान है. ईटीवी भारत ने जिलेवार ग्राउंड रिपोर्ट में आपको दिखाया कि जिन खेतों में पहले फसलें लहलाने को तैयार थीं, वहां सिर्फ और पानी ही पानी नजर आया. खेत झील में तब्दील हो गये. कई जगह तो समंदर जैसा नजारा देखने को मिला. अपने खेतों पर ही किसान नाव से गये और बर्बाद फसलों को देख मायूस होकर वापस लौट गए.
किसानों का दर्द, बाढ़ से फसल बर्बाद
बिहार के गोपालगंज जिले सदर प्रखंड के कोटवा गांव निवासी दोष मोहम्मद बताते है कि मानूसन इस बार सीजन के आरंभ से ही मेहरबान रहा, जिससे शुरुआत में धान की रोपाई में काफी मदद मिली, लेकिन बाद में लगातार भारी बारिश और बाढ़ के हालात हालात पैदा होने से कई इलाकों में फसल का नुकसान हुआ है.