पटना: 24 साल पहले 25 जुलाई का ही वह दिन था, जब बिहार को पहली महिला मुख्यमंत्री (Bihar First Woman CM) मिली थी. 25 जुलाई 1997 को राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने बिहार की पहली मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. ये वो समय था, जब चारा घोटाला (Fodder Scam) मामले में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जेल चले गए और उन्होंने अपनी जगह अपनी पत्नी राबड़ी को गद्दी सौंप दी.
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इसे लेकर खासी किरकिरी भी हुई थी, लेकिन लालू तो लालू हैं. उन्होंने घरेलू राबड़ी को एक झटके में पॉलिटिशियन राबड़ी बना दिया. चारा घोटाला मामले में जब 1997 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल की सजा हुई तो सवाल उठा कि आखिर वह अपनी गद्दी किसे सौंपेंगे. उन्होंने सबको चौंका दिया, जब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को किचन से निकालकर सीधे मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठा दिया. सिर्फ प्राथमिक शिक्षा प्राप्त राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बन गईं.
राबड़ी देवी तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री रहीं हैं. उन्होंने 8 साल तक बिहार में राज किया. बतौर मुख्यमंत्री उनका पहली बार सीएम बनने पर कार्यकाल 25 जुलाई 1997 से 11 फरवरी 1999 तक, दूसरी बार सीएम बनने पर उनका कार्यकाल 9 मार्च 1999 से 2 मार्च 2000 और तीसरी बार का कार्यकाल 11 मार्च 2000 से 6 मार्च 2005 तक रहा.
1956 में बिहार के गोपालगंज में जन्म लेने वाली बिहार की पहली मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की लालू यादव से शादी महज 17 साल की उम्र में 1973 में हुई थी. राबड़ी देवी की 7 बेटियां हैं और दो बेटे हैं. 2005 में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने चुनाव जीता था, हालांकि उसके बाद वर्ष 2010 में उन्होंने राघोपुर और सोनपुर विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों जगह से चुनाव हार गईं. फिलहाल, वे बिहार विधान परिषद की सदस्य हैं.
राबड़ी देवी का पहला कार्यकाल महज 2 साल का रहा. इन 2 सालों में राबड़ी देवी को बतौर रबड़ स्टांप मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाता रहा. कहा तो यह भी जाता है कि फैसले लालू यादव के होते थे और हस्ताक्षर राबड़ी देवी का होता था. लालू के इसी फैसले की वजह से उनके राष्ट्रीय जनता दल को पारिवारिक पार्टी के तौर पर जाना जाने लगा था.
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