पटना:बिहार के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए मिशन दक्ष की शुरूआत की गई है. मिशन दक्ष प्रदेश के 71863 प्रारंभिक विद्यालयों में लागू है. इस मिशन के तहत विद्यालय की कक्षाएं समाप्त होने के बाद एक शिक्षक पांच कमजोर बच्चों को विशेष कक्षा दे रहे हैं. यह कक्षाएं 45 मिनट की चल रही है. पूरे प्रदेश के लगभग 4.5 लाख शिक्षक, 25 लाख के करीब छात्रों को मिशन दक्ष के तहत पढ़ा रहे हैं.
पटना में 60 हजार बच्चे चिन्हित: पटना में मिशन दक्ष के तहत 63109 विद्यार्थियों को चिन्हित किया गया है. पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पटना के 17000 शिक्षकों में दक्ष मिशन के लिए 12595 शिक्षक चिन्हित किए गए हैं. शिक्षा विभाग के नए आदेश के तहत एक शिक्षक को प्रतिदिन 6 कक्षाओं का संचालन करना अनिवार्य है.
कमजोर बच्चों पर विशेष फोकस: पटना जिले के कुल 3486 विद्यालयों में प्रारंभिक विद्यालयों की संख्या 3063 है. इन्हीं प्रारंभिक विद्यालयों में से कक्षा 3 से 8 के 63109 बच्चे मिशन दक्ष के तहत चिन्हित किए गए हैं. इसमें अधिक संख्या में कक्षा 3 से 5 के बच्चे हैं. अधिकारियों की मानें तो अभी दक्ष मिशन की शुरूआत है. आने वाले समय में इस मिशन से जुड़ने वाले बच्चों की संख्या और बढ़ सकती है. इन बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी के अक्षरों को पहचानना और वाक्यों को शुद्धता से लिखना-पढ़ना सिखाया जा रहा है.
ऐसे शिक्षकों को पढ़ाना अनिवार्य:बच्चों को गणित के अंकों को पहचानना और सामान्य स्तर के जोड़-घटाव, गुणा-भाग करना सिखाया जा रहा है. कुल मिलाकर मिशन दक्ष के तहत बच्चों को वास्तविक अक्षर में साक्षर बनाना है. जो शिक्षक प्रतिदिन 6 कक्षाओं को नहीं पढ़ाते हैं, उनके लिए मिशन दक्ष में पढ़ाना अनिवार्य है. वहीं जो शिक्षक अपने विद्यालय में 6 कक्षाओं को पढ़ाते हैं, उनके लिए यह अनिवार्य नहीं है.