बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बड़ी खबर: हजारों शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी, शिक्षा विभाग ने लागू की ट्रांसफर पॉलिसी

आज शिक्षा विभाग ने करीब 9 महीने बाद ट्रांसफर पॉलिसी अधिसूचित कर दी है. अब शिक्षकों को एक बार फिर अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई तबादले का मौका मिलेगा.

By

Published : Jun 7, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 8:01 PM IST

ट्रांसफर पॉलिसी
ट्रांसफर पॉलिसी

पटना: करीब 15 साल से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हजारों महिला और दिव्यांग शिक्षकोंसमेत तमाम नियोजित शिक्षकों के लिए आज बड़ा दिन है. शिक्षा विभाग ने सेवा शर्त लागू करने के करीब 9 महीने बाद ट्रांसफर पॉलिसी अधिसूचित कर दी है. बता दें कि जून महीने में ही शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी लागू होने के बाद आवेदन का मौका मिल सकता है. अब शिक्षक ऑनलाइन पोर्टल पर ट्रांसफर के लिए आवेदन करेंगे.

इसे भी पढ़ें:पटना: प्राइवेट शिक्षकों पर कोरोना की मार, दो वक्त की रोटी का जुगाड़ मुश्किल

ट्रांसफर पॉलिसी
नियोजित शिक्षकों के तबादले के लिए जो सेवा शर्त पिछले साल बनाई गई है, उसके मुताबिक महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को पूरे कार्यकाल के दौरान एक बार अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई तबादले का मौका मिलेगा. जबकि पुरुष शिक्षकों को एक बार म्यूच्यूअल ट्रांसफर का मौका मिलेगा.

ट्रांसफर पॉलिसी लागू.

घर के समीप दे सकेंगी सेवा
बिहार में हजारों की संख्या में ऐसी महिलाएं शिक्षक या लाइब्रेरियन के रूप में विभिन्न जगहों पर काम कर रही हैं, जो अपने परिवार से दूर हैं. क्योंकि जिस वक्त उन्हें स्कूल में नौकरी मिली उस वक्त उनकी शादी नहीं हुई थी. वहीं अब कई वर्ष से इस इंतजार में हैं कि वह अपने मायके से ससुराल के समीप के किसी स्कूल में अपनी सेवा दे पाएंगी. कुछ ऐसा ही हाल दिव्यांग शिक्षकों का भी है.

ट्रांसफर पॉलिसी लागू.

3 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत
बड़ी संख्या में पुरुष शिक्षक भी हैं, जो अपने घर से दूर किसी और जिले में नौकरी कर रहे हैं. वे भी अपने गृह जिले के आसपास के स्कूल में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं. वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में कुल 3 लाख 83 हजार 176 शिक्षक कार्यरत हैं. इनमें से करीब एक लाख ऐसे शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी हैं, जिनके सर्टिफिकेट निगरानी को नहीं मिले हैं.

ट्रांसफर पॉलिसी लागू.

3 साल से अधिक सेवा वाले दे सकेंगे ट्रांसफर के लिए आवेदन
बता दें कि वैसे शिक्षक और लाइब्रेरियन जो 3 साल या उससे अधिक समय से सेवा में है, वही ट्रांसफर के लिए आवेदन कर पाएंगे. जिन लोगों पर अनुशासनिक कार्यवाही चल रही है या जो सस्पेंड है, वे आवेदन नहीं कर पाएंगे. अंतर नियोजन इकाई ट्रांसफर के लिए अधिकतम तीन विकल्प मिलेंगे.

ये भी पढ़ें:बिहार में कोरोना से 750 शिक्षकों की मौत की खबर पर जागा शिक्षा विभाग, तत्काल सहायता राशि देने का आश्वसान

श्रेणी के पद पर ट्रांसफर
शिक्षक सिर्फ अपनी श्रेणी के पद पर ट्रांसफर के लिए विकल्प का उपयोग करेंगे. जिले के अंदर अंतर नियोजन इकाई ट्रांसफर के लिए संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे. अंतर जिला ट्रांसफर की कार्रवाई के लिए प्रारंभिक विद्यालयों के मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक जबकि माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक नोडल पदाधिकारी होंगे.

शिक्षा विभाग ने निर्धारित की शर्तें
एक रिक्त पद पर ट्रांसफर के लिए अगर एक से ज्यादा आवेदन मिलते हैं तो, इसके लिए भी शिक्षा विभाग ने शर्तें निर्धारित की है. जिस कोटी के आरक्षण का रिक्त पद होगा उसी कोटि के महिला और दिव्यांग शिक्षक या लाइब्रेरियन का ट्रांसफर होगा. दिव्यांग शिक्षक और लाइब्रेरियन को महिला शिक्षक लाइब्रेरियन पर प्राथमिकता मिलेगी. दिव्यांग महिला शिक्षक लाइब्रेरियन को दिव्यांग पुरुष शिक्षक लाइब्रेरियन पर प्राथमिकता मिलेगी. जिस शिक्षक या लाइब्रेरियन की रिटायरमेंट में एक साल या उससे कम का समय बचा हो उसे प्राथमिकता दी जाएगी.

जानिए किसे दी जाएगी ट्रांसफर में प्राथमिकता
बता दें कि यदि कोई शिक्षक लाइब्रेरियन खुद या उसकी पत्नी पति या उसके आश्रित किसी असाध्य रोग गंभीर बीमारी अथवा मंदबुद्धि या मानसिक रोग से ग्रसित हो तो उन्हें ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए सिविल सर्जन के माध्यम से दिए गए प्रमाण पत्र और पोर्टल पर अपलोड करना होगा. यदि पति-पत्नी में से कोई एक राज्य सरकार या केंद्र सरकार या उसके उपक्रम के अधीन अथवा स्थानीय निकाय अंतर्गत कार्यरत हो तो पदस्थापन स्थल पर ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी.

यात्रा भत्ता नहीं होगा देय
संविदा पर कार्यरत रहने के मामले में यह प्रावधान लागू नहीं होगा. शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस सेवा शर्त के तहत हो रहे ट्रांसफर में कोई यात्रा भत्ता आदि देय नहीं होगा. उपरोक्त तमाम शर्तें पुरुषों के म्यूच्यूअल ट्रांसफर में भी समान हैं.

क्या कहते हैं शिक्षक संघ
बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के लागू होने पर खुशी जताई है. प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि लंबे समय से बिहार की हजारों शिक्षिकाओं और लाइब्रेरियन को ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार था. लेकिन सरकार ने इस पॉलिसी में सर्टिफिकेट जांच का जो बिंदु डाला है, वह ट्रांसफर के इच्छुक महिला शिक्षक और दिव्यांग शिक्षकों के लिए मुसीबत बन सकता है.

सेवा पुस्तिका में नहीं किया गया अंकित
किसी भी शिक्षक या लाइब्रेरियन की सेवा पुस्तिका में अंकित नहीं किया गया है कि उनकी सर्टिफिकेट की जांच हुई या नहीं. इसलिए शिक्षा विभाग को यथाशीघ्र सभी शिक्षकों को यह प्रमाण देना चाहिए कि उनके सर्टिफिकेट की जांच हुई है या नहीं. तभी वे आवेदन कर पाएंगे और इस ट्रांसफर सेवा का लाभ ले पाएंगे.

Last Updated : Jun 7, 2021, 8:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details