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Bihar Diwas 2023 : आज 111 साल का हुआ बिहार.. जानें कैसे अस्तित्व में आया ये राज्य - 111 साल का बिहार

आज बिहार दिवस है. आज ही के दिन साल 1912 को बंगाल और उड़ीसा से बिहार अलग हुआ था. उससे पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करता था. 111 साल के बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. किस तरह बिहार अस्तित्व में आया और कैसे उसने देश में अपनी अलग पहचान बनाई, ये कहानी भी बहुत दिलचस्प है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

लंबी लड़ाई के बाद बिहार अस्तित्व में आया
लंबी लड़ाई के बाद बिहार अस्तित्व में आया

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Published : Mar 21, 2023, 11:59 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 7:52 AM IST

पटना:आज यानी 22 मार्च 2023 को बिहार अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस दिन राज्यभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. पटना में तीन तीनों तक सरकारी स्तर पर कार्यक्रम होंगे. इस बार तो विदेशों में भी विशेष आयोजन हो रहे हैं. 2005 में नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने बिहार दिवस मनाने की घोषणा की. 2008 में बड़े स्तर पर बिहार दिवस मनाने की शुरुआत हुई. हालांकि अलग बिहार राज्य की लड़ाई इतनी आसान नहीं थी. लंबी जद्दोजहद के बाद बिहार राज्य अस्तित्व में आया था.

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लंबी लड़ाई के बाद बिहार अस्तित्व में आया: 1912 से पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा था लेकिन यहां के लोगों को लगता था कि उनकी उपेक्षा होती है. नौकरी से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में वाजिब हिस्सेदारी नहीं मिलने से असंतोष पनपने लगा था. धीरे-धीरे अपने हक के लिए लोग आवाज उठाने लगे. एक समय तो पटना कॉलेज को भी बंद करने पर विचार होने लगा था. 1872 में जॉर्ज कैम्पबेल ने इस बाबत फैसला भी ले लिया.

22 मार्च 1912 को बिहार बना अलग राज्य: जानकार बताते हैं कि लंबे चले संघर्ष के बाद कांग्रेस ने 1908 में अपना प्रांतीय अधिवेशन बुलाया, जहां बिहार को अलग प्रांत बनाए जाने का समर्थन किया. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई. दरभंगा महाराजा रामेश्वर सिंह को अध्यक्ष और अली इमाम को इस कमिटी का उपाध्यक्ष बनाया गया. आखिरकार 12 दिसंबर 1911 को बिहार को अलग राज्य का दर्जा मिला. वहीं 22 मार्च 1912 को बिहार बंगाल और उड़ीसा से अलग हो गया. पटना को बिहार की राजधानी घोषित किया.

विहार से पड़ा बिहार का नाम: राज्य का नाम बिहार पड़ने के पीछे की वजह भी बेहद खास है. दरअसल बिहार का नाम बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है. विकृत रूर से विहार के स्थान पर उसे बिहार कह कर संबोधित किया जाता था. इसी वजह से राज्य का नाम पहले विहार और उसके बाद बिहार पड़ा.

बिहार का गौरवशाली इतिहास:बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. हिंदू पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म बिहार में ही हुआ था. बिहार से बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई थी. पहले बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था. वहीं दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार में ही है. शून्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट भी इसी बिहार से थे. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी बिहार के सारण (सिवान) के ही रहने वाले थे.

Last Updated : Mar 22, 2023, 7:52 AM IST

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