पटना: पिछले कुछ समय से बिहार में अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. पटना में रूपेश सिंह की हत्या के बाद राज्य के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फटकार लगाई तो डीजीपी संजीव कुमार सिंघल एक्शन में आए. वह शनिवार को एसएसपी ऑफिस पहुंचे. इस दौरान बढ़ते अपराध पर पत्रकारों द्वारा किए गए सवाल पर डीजीपी बौखला गए.
डीजीपी ने 2020 में हुए अपराधों की तुलना 2019 में हुए अपराधों से कर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यकाल पर सवाल उठाया. डीजीपी ने कहा "मेरे कार्यकाल में नहीं बल्कि 2019 में बिहार में अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई. उस दौर पर पत्रकार क्यों बात नहीं करते."
डीजीपी संजीव कुमार सिंघल का बयान. मेरे कार्यकाल में कम हुए अपराध
एसएसपी कार्यालय में पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ घंटों बैठक करने के बाद पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डीजीपी ने आंकड़े गिनाने शुरू कर दिए. 2018 से लेकर 2021 तक के आंकड़े गिनाते हुए उन्होंने पूर्व डीजीपी के कार्यकाल पर सवाल उठा दिया. डीजीपी ने कहा "हमारे कार्यकाल में अपराध के आकड़ों में भारी कमी आई है. 2019 की तुलना में 2020 में संगठित अपराध में भारी कमी आई है. 2019 में सभी तरह के आपराधिक वारदातों में भारी वृद्धि हुई थी. आप पत्रकार उसकी चर्चा नहीं करते कभी."
बिहार में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी
डीजीपी ने कहा "बिहार का लॉ एंड आर्डरसबसे अच्छा है. जो बड़े लोग आज अपराध के ग्राफ में वृद्धि की बात करते हैं वे 25 -30 दिन पुराने अखबार उठा कर पढ़ लें. उन्हें पता चल जाएगा कि बिहार मे कितना अच्छा माहौल है. आंकड़ा सामने है और बिहार में अपराध के ग्राफ का आंकड़ा देश में सबसे स्थान पर है." हालांकि पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डीजीपी साहब शायद यह भूल गए कि उस वक्त वे भले ही कुर्सी पर नहीं थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे.
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