पटनाः मदर्स डे के मौके पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपनी मां के साथ-साथ सभी माताओं को प्रणाम किया और कहा कि माता कभी कुमाता नहीं होती हैं. बेटा भले कुपुत्र हो जाए. वहीं, उन्होंने कहा कि एक तो वह मां होती है जिसने हमें जन्म दिया है. दूसरी जन्मभूमि भी हमारी मां होती हैं. इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हमारी मां जहां भी हो उनकी सेवा करें. यही एक ऐसा रिश्ता है जहां स्वार्थ नहीं होता है.
मदर्स डे पर DGP ने सभी महिला पुलिसकर्मियों को किया सैल्यूट
मदर्स डे के मौके पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपनी मां के साथ साथ देश के सभी माताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि आज में उन सभी माताओं को प्रणाम करता हूं. जिन्होंने पूरी दुनिया को आबाद कर रखा है. वहीं, डीजीपी ने कहा कि नारी नहीं है सपना, नारी नहीं कहानी, नारी की गोद में ही पलती है जिंदगानी.
पूरा देश मना रहा मदर्स डे
मदर्स डे के मौके पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपनी मां के साथ साथ देश के सभी माताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि आज में उन सभी माताओं को प्रणाम करता हूं. जिन्होंने पूरे दुनिया को आबाद कर रखा है. वहीं, डीजीपी ने कहा कि नारी नहीं है सपना, नारी नहीं कहानी, नारी के गोद में ही पलटी है जिंदगानी. यह घर-घर की लक्ष्मी होती हैं, सिंदूर बनके दमके और मौका पड़े तो चूड़ियां तलवार बनके खनके. जहां क्षमा है वहां नारी है, जहां प्रेम है वहां नारी है, जहां त्याग तपस्या है वहां नारी है. साथ ही उन्होंने इस महामारी के समय में ड्यूटी पर तैनात सभी महिला पुलिसकर्मियों को सैल्यूट करते हुए कहा कि बिहार पुलिस में बिहार की बेटियां आकर कमाल कर रही हैं. मैं आज के दिन तमाम महिलापुलिस कर्मियों को प्रणाम करता हूं.
डीजीपी ने सभी महिला पुलिसकर्मियों को किया सैल्यूट
गौरतलब है कि मदर्स डे के मौके पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपनी मां को याद करते हुए सभी माताओं को प्रणाम किया. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मी की भागीदारी इस महामारी के समय में देखने को मिल रहा है. वह कहीं ना कहीं काबिले तारीफ है.