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तीन दिवसीय दवा दुकान हड़ताल से मरीजों की बढ़ी परेशानी

एसोसिएशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर हड़ताल के दौरान कोई दुकानदार चोरी-छिपे दवा बेचते पकड़ा गया तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा. हड़ताल के दौरान आकस्मिक दवाइयों को बंद नहीं किया गया है.

Patna
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Published : Jan 22, 2020, 2:35 PM IST

पटना / दरभंगा: पूरे राज्य में बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर है. इस दौरान राज्य की सभी थोक और खुदरा दुकानें बंद रहेगी. हड़ताल 22 से लेकर 24 जनवरी तक रहेगा. विभिन्न जिलों में दवा दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके हाथ में पोस्टर लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे दवा लेने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि आकस्मिक दवाइयों को बंद नहीं किया गया है.

पटना में दवा दुकानें बंद
राजधानी के गोविंद मित्रा रोड और अन्य इलाकों की दवा दुकानें पूरी तरह से बंद है. बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन के तहत सारे दुकानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. दवा दुकानदारों ने बताया कि सरकार ने सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट को रखने का आदेश जारी किया है. पूरे बिहार में 35 हजार से ज्यादा दवा दुकान हैं. जबकि महज सात हजार फार्मासिस्ट हैं.

पटना में दवा दुकानें बंद

पुराने दुकानदारों को प्रशिक्षित करे सरकार
एसोसिएशन और दवा दुकानदारों ने सरकार और विभाग से मांग करते हुए कहा कि पुराने दुकानदारों को सरकार कौशल विकास योजना या अन्य माध्यम से प्रशिक्षित कर इस समस्या को समाप्त करे. वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसन्न सिंह ने बताया है कि फिलहाल सरकार की ओर से हड़ताल खत्म करने की कोई पहल नहीं की गई है. हालांकि आज शाम 7.00 बजे विभाग के साथ एसोसिएशन की बात होगी.

बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन का तीन दिवसीय हड़ताल

7 सूत्री मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल
दरभंगा में केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन 7 सूत्री मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर है. हड़ताल के दौरान अस्पतालों के इंडोर मरीजों को ही दवा उपलब्ध कराने की छूट है. उत्तर बिहार की सबसे बड़ी दवा मंडी हॉस्पिटल रोड के अलावा शहर के अन्य इलाकों में दवा की दुकानें बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

चोरी-छिपे दवा बेचते पकड़े जाने पर जुर्माना
केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर हड़ताल के दौरान कोई दुकानदार चोरी-छिपे दवा बेचते पकड़ा गया तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं संघ के सचिव जितेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में लगभग दो हजार दवा की दुकानें हैं. इनके अनुरूप फार्मासिस्ट की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमलोगों की मांगों पर उचित निर्णय नहीं लेती है तो हमलोग आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.

बाढ़ स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे दुकानदार

बाढ़ स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे दुकानदार
हड़ताल की वजह से शहर की सभी दवा दुकानें बंद रहीं. बाढ़ स्टेशन में स्थित बैद्यनाथ फर्मा पर पोस्टर और बैनर लगाकर सभी दवा दुकानदारों ने जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे दुकानदारों ने कहा कि फार्मासिस्ट को मोहरा बना विभाग दुकानदारों का शोषण कर रही है. कभी तकनीकी जांच-पड़ताल के नाम पर तो कभी फार्मासिस्ट के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जाती है.

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