पटना:बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) को लेकर अब हलचल बढ़ने लगी है. बिहार सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया था और कैबिनेट से भी स्वीकृति ली थी. 500 करोड़ की राशि कैबिनेट से स्वीकृत किया गया था. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिलों को 204 जातियों की सूची उपलब्ध कराई थी और उससे संबंधित सुझाव मांगा था कि कहीं उससे अधिक जातियां हैं तो उसे उपलब्ध कराएं. पटना में भी डीएम ने इसके सत्यापन के लिए सभी वीडियो और सीओ को पत्र भेजा था और जो अब रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार पटना जिले में 204 जातियों की गणना की जाएगी. पटना सहित कई जिलों में गणना को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है और अब सरकार के दिशा निर्देश का इंतजार हो रहा है. जाति आधारित गणना डिजिटल माध्यम से किया जाएगा.
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जाति आधारित जनगणना को लेकर हलचल: बिहार सरकार ने सभी जिले में डीएम को जाति आधारित गणना का नोडल प्रधान गणना अधिकारी बनाया गया है. पटना जिले में गणना के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में कोषांग गठित किया गया है. इसमें अपर समाहर्ता राजस्व, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी भी शामिल हैं. पटना में 23 प्रखंड, एक नगर निगम, 12 नगर परिषद, चार नगर पंचायत और एक छावनी परिषद है. पटना जिले में 4000 से अधिक गणना खंड जातीय जनगणना के लिए बनाए जाएंगे. सरकार की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देश मिलने के बाद पटना में जातीय गणना शुरू हो जाएगी और उसकी पूरी तैयारी चल रही है.