पटना:बिहार में नीतीश कुमार लंबे समय से बीजेपी के सहयोग से सरकार चलाते आ रहे हैं. सुशील मोदी बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच एक कड़ी हुआ करते थे. सुशील मोदी की गैरमौजूदगी में नीतीश कुमार सहज महसूस नहीं कर रहे हैं और मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार नहीं हो सका है.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में विवाद है. यह सरकार चलने वाली नहीं है विवाद के चलते ही मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो रहा है. विवाद के चलते ही मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार नहीं हो पाया है'- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कोई विवाद नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का क्षेत्राधिकार है और जब नीतीश कुमार चाहेंगे विस्तार हो जाएगा'- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
'मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को लेना है. बड़ा भाई छोटा भाई को लेकर कोई विवाद नहीं है. उचित समय पर मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा'- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
अधर में बिहार कैबिनेट का विस्तार दरअसल, बीजेपी और जदयू में मंत्रिमंडल को लेकर फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है. बीजेपी जहां संख्या बल के आधार पर मंत्रिमंडल में जगह चाहती है. तो वहीं, जदयू बराबरी के फॉर्मूले पर समझौता करने के पक्ष में है. कुल मिलाकर 36 मंत्रियों का शपथ होना है तकरीबन तीन विधायक पर एक मंत्री की जगह बनती है. इस हिसाब से भाजपा कोटे में 20 से 22 मंत्री पद जा सकते हैं और जदयू कोटे से 12 से 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं.