पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन छापेमारी में लगातार बड़े पैमाने पर शराब जब्ती हो रही है. सरकार ने शराबबंदी कानूनमें लगातार संशोधन भी किया है. अब लोगों को पहली बार पीने पर बेल भी मिल जा रहा है. फिर भी बड़े पैमाने पर हो रही शराब की जब्ती कई तरह के सवाल खड़े कर रही है. इस पर मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार का कहना है बिहार में तो हम लोगों ने कड़ाई से पूर्ण शराबबंदी लागू कर रखा है, लेकिन हमारे पड़ोसी राज्यों में शराबबंदी नहीं है.
"बिहार का बॉर्डर चारों ओर से खुला हुआ है और हर जगह पुलिस की तैनाती मुमकिन नहीं है. इसके बावजूद हम लोगों ने दूसरे राज्यों में भी बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की है. हरियाणा में गिरफ्तारियां हुई है, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में भी गिरफ्तारियां की गई है. दूसरे राज्यों में 6000 से अधिक शराब माफिया की गिरफ्तारी हुई है और लगातार कार्रवाई भी की जा रही है."- सुनील कुमार, मंत्री, मद्य निषेध
तेजी से ट्रायल के बाद हो रही सजा : मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि ट्रायल भी तेजी से हो रहा है. खासकर, जिन सब डिवीजन में शराब की जब्ती ज्यादा हो रही है. एडीजी प्रोविजन को भी हम लोगों ने निर्देश दिया है कि वहां तेजी से ट्रायल कर सजा दी जाए. इस मामले में काम हो रहा है और इसका रिजल्ट भी आने वाले दिनों में अच्छा आएगा. बिहार में 7 साल से शराबबंदी लागू है. इसके बावजूद बड़े पैमाने पर शराब की खरीद फरोख्त हो रही है.
बीते साल हुई 39 लाख लीटर शराब जब्ती : 2023 में 39.63 लाख लीटर शराब की जब्ती की गई. इसमें 25.02 लाख लीटर विदेशी शराब और 14.5 देसी शराब है. 2022 के मुकाबले बिहार में गिरफ्तारियां 25% कम हुई है, लेकिन शराब जब्ती बढ़ी है और यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में विभाग के मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि हम लोग कड़ाई से शराबबंदी कानून को लागू करने में लगे हैं. गिरफ्तारी के साथ सजा भी दिलवा रहे हैं.
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