पटनाःबिहार में पोस्टर वार को लेकर सियासत तेज हो गई है. दिल्ली में इंडिया गठबंधन के नेताओं का जमावड़ा लगा है. चौथी बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं. बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. बैठक से पहले बिहार में पोस्टर वार शुरू हो गया है. राजधानी पटना में नीतीश कुमार के पक्ष में कई पोस्टर लगे हैं, जिसको लेकर सियासत शुरू है.
तीन राज्यों में हार से नहीं मिली सीखः पोस्टर को लेकर भाजपा की ओर से हमला किया जा रहा है. भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा है कि तीन राज्यों में मिली शिकस्त ने इंडिया गठबंधन को खारिज कर दिया है, बावजूद इसके नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. जिस जंगल राज के खिलाफ लड़ाई लड़कर नीतीश कुमार सत्ता में आए थे आज उन्हीं लोगों से हाथ मिला लिए हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में अपराध का बोलबाला है. नीतीश कुमार से बिहार नहीं संभल रहा है तो उन्हें कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है
"पटना में पोस्टर लगा है 'जीत चाहिए, निश्चय चाहिए, नीतीश चाहिए' किसकी और कैसी जीत, तीन राज्यों में जनता नकार चुकी है. बिहार में बढ़ते अपराध में अन्य राज्यों की तुलना में बाजी जीत चुके हैं. जनता 2024 में सब हिसाब दे देगी. जिसके खिलाफ 2005 के पहले आग उगलते थे आज उसी के साथ राजपाट चला रहे हैं. नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. क्या नीतीश कुमार बिहार का सर्वनाश करके ही संन्यास लेंगे."-प्रभाकर मिश्र, प्रवक्ता, भाजपा
'नीतीश कुमार उम्मीदवार नहीं': जदयू ने भाजपा के बयानों का पलटवार किया है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पोस्टर किसने लगाया है, यह हम लोगों को जानकारी में है, लेकिन यह तय है कि नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद शुरू की थी. आज वह मूर्त रूप लेता दिख रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं ना ही संयोजक पद में उनकी दिलचस्पी है. पार्टी की ओर से ऐसा कभी भी दवा नहीं किया गया है.