पटनाः बिहार में जातीय सर्वे रिपोर्ट पेश होने के बाद भाकपा माले ने सदन में नई मांग को सामने रखा है. बुधवार को सदन के बाहर भाकपा माले विधायकों ने प्राइवेट नौकरी में आरक्षण औरजमीन सर्वेक्षण कराने की मांग की है. भाकपा माले का कहना है कि जब तक जमीन सर्वेक्षण नहीं होगा, तब तक पूरी आर्थिक रिपोर्ट सामने नहीं आ सकती है. इसी दौरान केंद्र सरकार के बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग की.
प्राइवेट नौकरी में आरक्षणःभाकपा माले ने कहा कि प्राइवेट नौकरी में आरक्षण इसलिए होनी चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार जानबूझकर कई सरकारी संस्था का निजीकरण कर रही है. अगर निजीकरण हो जाएगा तो फिर आरक्षण का कोई फायदा नहीं होगा. निश्चित तौर पर प्राइवेट जॉब में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. भाकपा माले के सदस्यों ने भूमिहीन को जमीन देने की मांग को लेकर भी जमकर प्रदर्शन किया है.
"कल जो जातिगत, शैक्षणिक और आर्थिक गणना की रिपोर्ट जारी की गई, इसमें स्पष्ट हो गया है कि बिहार के गरीबों दलितों और पिछड़ों की हालत क्या है? बिहार सरकार ने 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने की बात कही है. बिहार में जमीन का भी सर्वेक्षण होना चाहिए. जमीनी रिपोर्ट नहीं आएगी तो वास्तविक आर्थिक आंकड़ा सामने नहीं आएगा. केंद्र सरकार से मांग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए."-अजीत कुशवाहा, माले विधायक
आरक्षण की सीमा बढ़ाने का स्वागतः भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा है कि केंद्र सरकार प्राइवेट नौकरी में आरक्षण का प्रस्ताव को पास करें. उन्होंने कहा कि जब तक प्राइवेट जॉब में आरक्षण नहीं होगा, निश्चित तौर पर आर्थिक रूप से समाज के कई वर्ग मजबूत नहीं होंगे. बिहार सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है, उसका भाकपा माले ने स्वागत किया है.
"प्राइवेट संस्थानों में SC-ST और EBC, OBC को आरक्षण देनी चाहिए. बिहार में जो गरीबी की तस्वीर सामने आई है, इसके लिए सरकार को कदम उठाना होगा. बिहार सरकार ने आरक्षण बढ़ाने की बात कही है, जो स्वागत योग्य है."-मनोज मंजिल, माले विधायक
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