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बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र को क्यों याद करेंगे आप? 5 दिनों में क्या कुछ हुआ, जानें...

बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र 2021 कई मायनों में खास रहा. इस दौरान चार विधेयकों पर मुहर लगी, वहीं सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच कई मसलों पर सवाल जवाब हुए. सबकुछ जानिए इस रिपोर्ट में...

बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र
बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र

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Published : Dec 3, 2021, 10:40 PM IST

पटनाःबिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र 2021 (Bihar Assembly Winter Session) वंदे मातरम के साथ समाप्त हो गया है. पहली बार राष्ट्रगान के साथ सत्र की कार्यवाही शुरू की गई. 5 दिनों तक चले इस सत्र में कई मुद्दों के कारण विवाद भी हुआ जो चर्चा का विषय बना. विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतलें मिलने पर विपक्ष ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 890 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें 633 तारांकित प्रश्न और 31 अल्प सूचित प्रश्नों के उतर हुए. इस दौरान 101 ध्यान कर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिसमें 98 का उत्तर आया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा सरकार की ओर से 100% जवाब ऑनलाइन दिया गया है. वहीं, चार विधेयक भी पास हुए, जिनमें 3 संशोधन विधेयक थे और एक विनियोग विधेयक. विपक्षी सदस्यों ने सरकार को घेरने की हर संभव कोशिश की.

विधानसभा के शीतकालीन सत्र की बड़ी बातें

भ्रष्टाचार, किसान, बेरोजगारी से लेकर शराबबंदी और अफसरशाही जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने सदन के बाहर नारेबाजी की. सदन के अंदर भी कई बार हंगामा हुआ. इस दौरान विपक्षी सदस्य लगातार आरोप लगाते रहे कि सरकार जवाब देने से भाग रही है.

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आरजेडी के विधायक रामानुज प्रसाद ने कहा एक तो छोटा सत्र और उसपर से सरकार का सकारात्मक रुख नहीं दिखा. कांग्रेस के शकील अहमद खान ने कहा जदयू और बीजेपी के बीच विरोधाभास साफ दिखा तो वहीं विपक्ष की एकजुटता नहीं रहने पर सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस की अपनी आइडेंटिटी है. उसे हम लोग आप बनाकर रखेंगे.

कैसा रहा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, रिपोर्ट...

सत्ता पक्ष ने सत्र का कार्यवाही को लेकर कहा कि कि सरकार ने विपक्ष के हर प्रश्न का जवाब देने की कोशिश की है. विधानसभा परिसर में मिली खाली बोतल को सत्ता पक्ष के नेताओं ने साजिश बताया. मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि खट्टे-मीठे यादों का यह शीतकालीन सत्र रहा.

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बता दें कि इस बार शीतकालीन सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन राष्ट्रगीत से हुई. लेकिन इसपर आपत्ति जताते हुए एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि वंदे मातरम को लेकर हमारे धर्म गुरुओं ने पहले भी अपनी बात रखी है. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि किसी की मजाल नहीं है कि वंदे मातरम कहलवा लें.

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