पटना: बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सत्ताधारी जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चेहरे' पर वोट मिलने का भरोसा है, लेकिन राजनीति के गलियारे में माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश के 'चेहरे' की साख दांव पर रहेगी.
जेडीयू की कृपा से बिहार सरकार में शामिल बीजेपी केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार होने के कारण दावा कर रही है कि 'डबल इंजन' सरकार की जीत होगी. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, 'इस उपचुनाव में नीतीश कुमार का जादू चल जाएगा और ये चुनाव कोई सेमीफाइनल नहीं है. नीतीश कुमार के किए विकास के नाम पर बिहार में फिर से हमें वोट मिलेंगे.'
'उपचुनाव में नतीश कुमार की साख भी दांव पर'
वैसे, बिहार की राजनीतिक फिजा में यह सवाल तैर रहा है कि इस उपचुनाव में जेडीयू अध्यक्ष नतीश कुमार की साख भी दांव पर लगी है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव का परिणाम अगर अनुकूल रहा तो नीतीश कुमार के लिए 2020 का रास्ता बहुत हद तक आसान कर देगा. इसके अलावा यह भी साफ हो जाएगा कि क्या बिहार में नीतीश के चेहरे का जादू बरकरार है या फिर एनडीए को 2020 का चुनाव किसी और के 'चेहरे' पर लड़ना होगा.
जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा : राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक जानकार कहते हैं, 'यह सच है कि इस उपचुनाव के परिणाम को भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में नहीं लिया जाए, लेकिन जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा है. अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो नीतीश के चेहरे का सिक्का अगले विधानसभा चुनाव में फिर चल पाएगा, इसमें संदेह है और तब बीजेपी का पलड़ा अधिक भारी हो जाएगा.'