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पटना का कालिदास रंगालयः देश के बड़े-बड़े कलाकार यहां कर चुके हैं मंचन - Kalidas Rangalaya patna

कालिदास रंगालय में रतन थियम, बीबी करण, हबीब तनवीर, शंभू मित्र, अनुराधा कपूर, सीमा विश्वास और पंकज त्रिपाठी सहित कई नामी रंग कर्मियों ने यहां नाटक का मंचन कर चुके हैं.

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Published : Jul 30, 2020, 2:32 PM IST

पटनाः भारत के किसी भी कोने में बिहार के रंगमंच का नाम आता है तो सभी की जुबान पर पटना के बिहार आर्ट थियेटर का नाम जरूर लिया जाता है. इसे कालिदास रंगालय के नाम से भी जाना जाता है. राजधानी पटना के गांधी मैदान के पास स्थित बिहार आर्ट थियेटर पटना ही नहीं, बल्कि बिहार में होने वाले रंग मंच और सांस्कृतिक प्रदर्शनी का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. सन 1961 से ही यहां पर नाटक का रिहर्सल और मंचन किया जा रहा है. आधिकारिक रूप से 9 अक्टूबर 1974 को अनिल मुखर्जी की ओर से इसकी स्थापना की गई थी.

बड़े-बड़े कलाकार कर चुके हैं मंचन
बिहार सरकार की ओर से आवंटित 72 डेसिमल भूमि पर इसका निर्माण किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है पटना और बिहार में नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. जिस का निर्वहन बखूबी किया जा रहा है. इस थियेटर में भारत के हर कोने के बड़े और मशहूर कलाकारों प्रस्तुती दे चुके हैं. संस्था के संयुक्त सचिव प्रदीप गांगुली ने बताया कि कालिदास रंगालय का यह सौभाग्य है कि यहां पर रतन थियम, बीबी करण, हबीब तनवीर, शंभू मित्र, वंशी कॉल अनुराधा कपूर, सीमा विश्वास और पंकज त्रिपाठी सहित कई नामी रंग कर्मियों ने यहां नाटक का मंचन कर चुके हैं.

बिहार आर्ट थियेटर

2008 में बिगड़ी थी स्थिति
प्रदीप गांगुली ने बताया कि वर्ष 2008 में एक ऐसा भी समय आया था. जब स्थिति बेहद ही दयनीय हो गई थी और लग रहा था कि अब थिएटर को बचा पाना मुश्किल है लेकिन स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहयोग के कारण हम थिएटर को बचाने में सफल हुए. जिसके बाद से अभी तक चीजें सामान्य चल रही. बिहार आर्ट थियेटर में प्रतिवर्ष नाट्य शिक्षा ग्रहण करने के लिए 90 छात्र नामांकन लेते हैं और नाट्य शिक्षा ग्रहण करते हैं. शुरुआती दिनों में 80 से 85 थिएटर ग्रुप हुआ करते थे, जो आज के समय में 40 से 45 हो गए हैं.

बिहार आर्ट थियेटर का लोगो

कालिदास रंगालय परिसर में शकुंतला जनता थिएटर, प्रियबाम्बा चिल्ड्रन थिएटर, अनासूया आर्ट गैलरी, अन्नपूर्णा कैफेटेरिया और कलाकारों के लिए अभ्याथ गेस्ट हाउस का निर्माण होना था लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरी नहीं हो पाया है. परिसर में सिर्फ शकुंतला जनता थिएटर अन्नपूर्णा कैफेटेरिया का ही निर्माण हो सका है.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से नहीं मिलता सहयोग
प्रदीप गांगुली ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण इन योजनाओं को पूरा नहीं किया जा सका है. सरकार की ओर से इसके लिए कोई सहयोग नहीं किया गया. हालांकि उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी चीजें ठीक तरीके से चल रही है. कोरोना काल में तोड़ी समस्या हो रही है, लेकिन कोरोना के बाद फिर ठीक हो जाएगा.

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